केंद्र द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नया विधेयक लाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

केंद्र की मोदी सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समिति से सीजेआई को हटाने के लिए नया विधेयक पेश किया है. लाइव लॉ के अनुसार, विधेयक में कहा गया है कि चुनाव आयुक्तों का चयन प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति करेगी, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नियुक्ति समिति में पीएम और विपक्ष के नेता के साथ सीजेआई भी होंगे.

विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को लोकसभा में ध्वनिमत से ख़ारिज कर दिया गया. एनडीटीवी के अनुसार, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो घंटे से अधिक समय तक भाषण दिया, जिसके बीच विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था. विपक्ष पर जमकर निशाना सड़ने के प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें इसे ख़ारिज करने के पक्ष में अधिक मत रहे.

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने इसके परिसर में चल रहे एएसआई सर्वे के मीडिया कवरेज पर रोक की मांग उठाई है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कहा है कि सर्वे टीम की ओर से अब तक कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अख़बारों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर लगातार भ्रामक ख़बरें चल रही हैं. इससे लोगों के दिमाग पर ‘गलत प्रभाव’ पड़ेगा और ऐसी खबरों को प्रकाशित होने से रोका जाना चाहिए. इसलिए उसने सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की है.

तीन महीने से अधिक समय से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के 40 मेईतेई विधायकों ने असम राइफल्स के प्रति अविश्वास जताया है. एनडीटीवी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य में तैनात असम राइफल्स के जवानों को वापस बुलाया जाना चाहिए और कुछ ‘भरोसेमंद’ केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना चाहिए. वहीं, राज्य के ही दस कुकी-ज़ो-हमार आदिवासी विधायकों ने प्रधानमंत्री से असम राइफल्स को राज्य से नहीं हटाने का आग्रह किया है. उन्होंने दावा किया कि जो  मेईतेई लोग आदिवासियों को निशाना बनाने के अपने नापाक मंसूबों को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं, वे असम राइफल्स पर झूठे आरोप लगा रहे हैं.

केरल विधानसभा ने राज्य का नाम बदलने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है. रिपोर्ट के अनुसार, विधानसभा ने केंद्र सरकार से संविधान और सभी आधिकारिक रिकॉर्ड में राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ करने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसे किसी भी विधायक के विरोध के बिना स्वीकार कर लिया गया. शहरों का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक नहीं है, हालांकि राज्यों का नाम बदलने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी अनिवार्य है. ऐसे परिवर्तन को प्रभावी बनाने के लिए संवैधानिक संशोधन जरूरी है, जिसके लिए संसदीय अनुमोदन की चाहिए होता है.

केंद्र सरकार ने बताया है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 42% से अधिक आरक्षित पद रिक्त हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 7,033 पद स्वीकृत हैं. इस साल 1 जुलाई तक इनमें से 3,007 पद खाली हैं. जहां ओबीसी के 46% (1,665) पद खाली हैं, वहीं एससी और एसटी के क्रमशः 37% (837) और 44% (505) पद रिक्त है.

हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में फिर एक सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है. द हिंदू के मुताबिक, एक महिला ने बुधवार को पुलिस में शिकायत दी है कि तीन मई को चूड़ाचांदपुर में उनका यौन उत्पीड़न किया गया था. शिकायत के बाद बिष्णुपुर थाने में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई और चूड़ाचांदपुर पुलिस थाने में भेज दी गई. पुलिस ने ‘अज्ञात कुकी बदमाशों’ के खिलाफ सामूहिक बलात्कार समेत आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.