कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारतमाला परियोजना, द्वारका एक्सप्रेसवे और आयुष्मान भारत जैसी सात परियोजनाओं में घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि इन घोटालों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट रूप से ज़िम्मेदार हैं और उनकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधने के एक दिन बाद कांग्रेस ने बुधवार को विभिन्न योजनाओं से जुड़ीं अनियमितताओं पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया है.
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने सात उदाहरण दिए, जिनमें कैग ने सार्वजनिक परियोजनाओं की लागत में वृद्धि और सार्वजनिक धन की बर्बादी की ओर इशारा किया था.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इन घोटालों की जांच होनी चाहिए और जवाबदेही तय होनी चाहिए. हमें लगता है कि इन घोटालों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट रूप से जिम्मेदार हैं और उनकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए.’
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की प्रमुख परियोजना ‘भारतमाला परियोजना’ को लेकर श्रीनेत ने कहा कि लागत बढ़ गई थी, निविदा प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण थी और सुरक्षा सलाहकार नियुक्त नहीं किए गए थे.
उन्होंने कहा कि दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर द्वारका एक्सप्रेसवे के मामले में इसके दो किलोमीटर के निर्माण के लिए लागत लगभग 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर 250 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर हो गई.
उन्होंने कहा कि पांच टोल प्लाजा के रैंडम ऑडिट के बाद कैग ने पाया था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने संशोधित शुल्क लागू न करने के कारण सड़क उपयोगकर्ताओं से गलत तरीके से 132 करोड़ रुपये एकत्र किए थे.
उन्होंने सवाल उठाया, यह तब है जब केवल पांच टोल प्लाजा का ऑडिट किया गया था. सोचिए अगर इस देश के हर टोल प्लाजा का ऑडिट किया जाए तो इस घोटाले का सार क्या होगा?
स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत के ऑडिट का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता श्रीनेत ने कहा कि इस योजना के 7.5 लाख लाभार्थियों को एक ही मोबाइल फोन नंबर के साथ पंजीकृत किया गया था और 88,670 मृत लोगों के नाम पर नए इलाज के लिए बीमा दावों का भुगतान किया गया था.
श्रीनेत ने त्रुटिपूर्ण इंजन डिजाइन पर कैग रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिससे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को 159 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या विकास परियोजना में अनियमितताएं और स्वच्छ भारत मिशन के लिए होर्डिंग्स लगाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत पेंशन फंड का दुरुपयोग हुआ.
उन्होंने कहा, ‘हकीकत तो ये है कि आज मीडिया शांत है. एक नहीं, दो नहीं, बल्कि कैग रिपोर्ट से सात घोटाले उजागर हुए हैं और प्रधानमंत्री चुप हैं.’