बीते 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह शहर में विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू दक्षिणपंथी समूहों द्वारा निकाली गई एक धार्मिक यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई थी. अब कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने घोषणा की है कि वे नूंह में धार्मिक यात्रा ‘फिर से शुरू’ करेंगे.
नई दिल्ली: कई हिंदू दक्षिणपंथी समूहों ने घोषणा की है कि वे नूंह में धार्मिक यात्रा ‘फिर से शुरू’ करेंगे, जहां 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिला पुलिस ने कहा है कि अगर ऐसी कोई यात्रा होगी तो किसी भी हथियार की अनुमति नहीं दी जाएगी.साथ ही ‘संवेदनशील क्षेत्रों’ में सभा की अनुमति नहीं होगी.
नूंह में बीते 31 जुलाई को दोपहर 2 बजे के आसपास सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जब कथित तौर पर मुस्लिम समूहों ने हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के जुलूस पर हमला किया था. यह हिंसा गुड़गांव में भी फैल गई थी. 1 अगस्त को हिंसा के दौरान गुड़गांव के बादशाहपुर में कम से कम 14 दुकानें जला दी गईं, जिनमें अधिकांश मुसलमानों की थीं.
नूंह में हुई इस हिंसा में छह लोगों की मौत हुई थी और 88 अन्य घायल हो गए थे.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारनिया ने बताया कि उन्हें अभी तक इस तरह के आयोजन की अनुमति के लिए अनुरोध नहीं मिला है.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मैं यह स्पष्ट कर देता हूं कि अगर यात्रा की अनुमति दी जाती है, तो भी हम इसे जिले में शांति भंग नहीं करने देंगे. हम संवेदनशील इलाकों से जुलूस नहीं गुजरने देंगे या हथियार ले जाने की इजाजत नहीं देंगे.’
बिजारनिया ने कहा, ‘इसमें भाग लेने वालों की संख्या भी सीमित रहेगी. यात्रा से पहले सांप्रदायिक या भड़काऊ भाषण देने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस वहां मौजूद रहेगी.’
अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह भी कहा कि अधिकारी ऐसे आयोजन में भागीदारी को 100 लोगों तक सीमित करने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं.
हाल ही में वरुण सिंगला को हटाकर बिजारनिया पुलिस प्रमुख बने हैं. जब हिंसा भड़की तब सिंगला छुट्टी पर थे और बाद में उनका तबादला कर दिया गया था.
बीते 13 अगस्त को हरियाणा के पलवल जिले में आयोजित हिंदुत्ववादी संगठनों की एक महापंचायत में घोषणा की गई थी कि बीते 31 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा के कारण बाधित होने के बाद वे आगामी 28 अगस्त को नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा फिर से शुरू करेंगे.
पोंडरी गांव में भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के दौरान हुई महापंचायत में कुछ वक्ताओं ने प्रशासन को ‘उन्हें रोकने’ की चुनौती दी. इसके अलावा ‘आत्मरक्षा’ के लिए बंदूक लाइसेंस देने और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाने की मांग की गई थी. इनमें से एक वक्ता ने लोगों को राइफलें खरीदने के लिए भी प्रोत्साहित किया था.
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