घटना बीते 17 अगस्त की देर रात राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ ज़िले के नारोल गांव में हुई. लकड़ी की तस्करी के संदेह में कथित तौर पर वन विभाग के अधिकारियों सहित एक समूह द्वारा की गई मारपीट के बाद 27 वर्षीय वसीम की मौत हो गई थी और उनके साथ के दो लोग घायल हो गए थे.
नई दिल्ली: पुलिस ने कहा कि राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के नारोल गांव में लकड़ी की तस्करी के संदेह में कथित तौर पर वन विभाग के अधिकारियों सहित एक समूह द्वारा की गई मारपीट के बाद 27 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसके साथ आए दो लोग घायल हो गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार (17 अगस्त) देर रात हुई इस घटना के सिलसिले में तीन वन अधिकारियों और कई स्थानीय निवासियों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने कहा कि हमले में घायल वसीम की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि आसिफ और अज़हरुद्दीन की चोटें जानलेवा नहीं हैं.
कोटपूतली के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एएसपी विद्या प्रकाश जाट ने कहा, ‘स्थानीय पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लकड़ी तस्कर एक पिकअप ट्रक पर हमीरपुर से आ रहे हैं और एक वन टीम उनका पीछा कर रही है. इसके बाद पुलिस की एक टीम को मौके पर भेजा गया.’
उन्होंने कहा, ‘(जब पुलिस टीम पहुंची) नारोल गांव में स्थानीय लोगों की भीड़ थी और तीन लोग घायल थे. बानसूर में उनका प्राथमिक इलाज किया गया और वसीम की हालत बिगड़ने पर उन्हें कोटपूतली अस्पताल भेज दिया गया. हालांकि, उनकी वहां मृत्यु हो गई.’
एएसपी ने कहा कि वसीम की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है, प्रथमदृष्टया उनके सीने की तरफ के हिस्से पर किसी धारदार हथियार से चोट लगने का पता चला है.
वसीम के पिता तैय्यब की शिकायत के आधार पर हरसोरा पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी.
शिकायत में तैय्यब ने लिखा है, ‘वसीम गुरुवार को बानसूर तहसील के गांव रामपुर से लकड़ी खरीदकर लाया था. वह आसिफ और अज़हरूद्दीन के साथ गया था और उन्होंने मुझे बताया कि रात 10 बजे के आसपास, जब वे घर जा रहे थे तो वन विभाग के अधिकारियों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया.’
शिकायत के अनुसार, जिस वाहन में तीन लोग यात्रा कर रहे थे, उसे एक जेसीबी द्वारा सड़क अवरुद्ध कर रोका गया. जिसके बाद ‘तीन-चार लोग जेसीबी से और सात-आठ लोग वन विभाग की जीप से उतरे’. इन लोगों ने कथित तौर पर वसीम और अन्य को उनके वाहन से बाहर खींच लिया और उनके साथ मारपीट की.
शिकायत में कहा गया है, उनमें से कुछ के पास धारदार हथियार, लोहे की छड़ें और लकड़ी के डंडे थे. वसीम की छाती पर किसी धारदार हथियार से वार किया गया था.
एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस मौके पर पहुंची, ‘लेकिन वे (आरोपी) पुलिस के सामने भी हम पर हमला करते रहे’.
एफआईआर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 341 (गलत तरीके से रोकना) के तहत दर्ज की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वसीम के भाई तौफीक (26 वर्ष) ने दावा किया कि उन तीनों पर इस अफवाह के कारण हमला किया गया कि वे पशु तस्कर थे. तौफीक ने आरोप लगाया, ‘इसलिए स्थानीय लोगों ने तुरंत उनके रास्ते में एक जेसीबी लगा दी और उन पर बेरहमी से हमला किया.’
खैरथल-तिजारा जिले के टपुकारा के रहने वाले वसीम, तैय्यब और हमीदी के 10 बच्चों में से एक थे. उनकी शादी जाहिदा से हुई थी और उनके सात, छह और पांच साल के तीन बेटे और दो साल की बेटी थी.
तौफीक ने कहा, ‘हम वसीम के लिए न्याय और (उसकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए) कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं.’