उत्तर प्रदेश: आवारा मवेशियों के साथ मंत्री का काफ़िला रोकने के आरोप में 90 लोगों के ख़िलाफ़ केस

बीते 17 अगस्त को बरेली ज़िले के आंवला विधानसभा क्षेत्र में आवारा मवेशियों की समस्या से नाराज़ लोगों ने उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के क़ाफ़िले को रोक दिया था. मंत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि क्षेत्र में ग्राम सभा की ज़मीन चिह्नित कर शीघ्र ही गोशाला स्थापित की जाएगी.

उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

बीते 17 अगस्त को बरेली ज़िले के आंवला विधानसभा क्षेत्र में आवारा मवेशियों की समस्या से नाराज़ लोगों ने उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के क़ाफ़िले को रोक दिया था. मंत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि क्षेत्र में ग्राम सभा की ज़मीन चिह्नित कर शीघ्र ही गोशाला स्थापित की जाएगी.

उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के काफिले को बरेली जिले में रोकने के आरोप में रविवार (20 अगस्त) को 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई जब वह एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे.

मालूम हो कि बीते गुरुवार (17 अगस्त) को आवारा मवेशियों की समस्या से नाराज लोगों ने जिले के उनके विधानसभा क्षेत्र आंवला के सिरौली इलाके में इन पशुओं को सड़क पर लाकर पशुपालन मंत्री के काफिले को रोक दिया था.

एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त एसपी (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारी संजय कुमार शर्मा की शिकायत पर इस मामले में 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से किसी व्यक्ति को रोकना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री धर्मपाल सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव रजनीश दुबे के साथ एक पशु पॉलीक्लिनिक के ‘भूमि पूजन’ के लिए जा रहे थे, जिसे आंवला तहसील के गुड़गांव में 9.14 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाना है, जहां जानवरों की देखरेख की जाएगी.

इस दौरान उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए पिपरिया उपरला गांव के लोगों ने आवारा मवेशियों के जरिये सड़क अवरुद्ध कर उनके काफिले को रोक दिया. मंत्री का काफिला करीब 40 मिनट तक अफरातफरी में फंसा रहा.

इसके बाद मंत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि क्षेत्र में ग्राम सभा की जमीन चिह्नित कर शीघ्र ही गोशाला स्थापित की जाएगी. पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों ने आवारा मवेशियों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था.