नूंह प्रशासन ने 28 अगस्त को प्रस्तावित विश्व हिंदू परिषद की ‘ब्रज मंडल यात्रा’ को आधिकारिक तौर पर अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इसके पहले 31 जुलाई को दक्षिणपंथी संगठनों की यात्रा के दौरान नूंह और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: नूंह प्रशासन ने 28 अगस्त को प्रस्तावित विश्व हिंदू परिषद की ‘ब्रज मंडल यात्रा’ को आधिकारिक तौर पर अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘डीसी (जिला कलेक्टर नूंह, धीरेंद्र खडगटा) ने कहा कि 3 सितंबर से टौरू में होने वाली आगामी जी-20 बैठक जैसे कारणों का हवाला देते हुए यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. चूंकि यात्रा की तारीख जी-20 बैठक के साथ मेल खाती है, इसे मंजूरी नहीं दी गई. अनुमति देने से इनकार करते समय नूंह में मौजूदा स्थिति के बारे में चिंताओं का भी हवाला दिया गया.’
पानीपत के बजरंग दल के सदस्य नारायण ने कहा, ‘हमें पता चला है कि प्रशासन ने अनुमति खारिज कर दी है, लेकिन संगठन के सदस्यों ने कहा है कि वे प्रशासन की मंजूरी के बिना भी यात्रा जारी रखेंगे.’
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि उन्हें अब भी प्रशासन से यात्रा की अनुमति मिलने की उम्मीद है. बंसल ने कहा कि प्रशासन को बाधाएं पैदा करने के बजाय समर्थन देना चाहिए.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, विहिप को अनुमति देने से इनकार करने का निर्णय खुफिया जानकारी और स्थानीय शांति समितियों पर आधारित है, जिन्होंने कहा कि स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है.
उल्लेखनीय है कि विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की थी कि वह इस यात्रा को फिर से आयोजित करेगी. बीते 13 अगस्त को हरियाणा के पलवल जिले में आयोजित हिंदुत्ववादी संगठनों की एक महापंचायत में घोषणा की गई थी कि बीते 31 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा के कारण बाधित होने के बाद वे आगामी 28 अगस्त को नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा फिर से शुरू करेंगे.
पोंडरी गांव में भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के दौरान हुई महापंचायत में कुछ वक्ताओं ने प्रशासन को ‘उन्हें रोकने’ की चुनौती दी. इसके अलावा ‘आत्मरक्षा’ के लिए बंदूक लाइसेंस देने और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाने की मांग की गई थी. इनमें से एक वक्ता ने लोगों को राइफलें खरीदने के लिए भी प्रोत्साहित किया था.
ज्ञात हो कि नूंह में बीते 31 जुलाई को दोपहर 2 बजे के आसपास सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जब कथित तौर पर मुस्लिम समूहों ने हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के जुलूस पर हमला किया था. यह हिंसा गुड़गांव में भी फैल गई थी. 1 अगस्त को हिंसा के दौरान गुड़गांव के बादशाहपुर में कम से कम 14 दुकानें जला दी गईं, जिनमें अधिकांश मुसलमानों की थीं.
नूंह के निवासियों ने द वायर को बताया था कि यात्रा के दौरान यात्री तलवार और बंदूकें समेत हथियार लेकर चल रहे थे.