केंद्र सरकार द्वारा प्याज़ पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के किसानों एवं व्यापारियों के विरोध के बीच महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री दादा भूसे ने कहा कि जब आप 10 लाख रुपये से अधिक की गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं तो आप खुदरा दर से 10 से 20 रुपये ज़्यादा क़ीमत पर प्याज़ भी खरीद सकते हैं.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने को लेकर किसानों एवं व्यापारियों के विरोध के बीच महाराष्ट्र के मंत्री दादा भूसे ने दावा किया कि यदि लोग दो-चार महीने प्याज ना खाएं तो कुछ बिगड़ नहीं जाएगा.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सोमवार को यह भी कहा कि निर्यात शुल्क लगाने का निर्णय उचित समन्वय के साथ लिया जाना चाहिए था.
केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को प्याज की कीमत में वृद्धि को रोकने और घरेलू बाजार में आपूर्ति में सुधार के लिए इसके निर्यात पर 40% शुल्क लगाया. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के जरिये प्याज पर 31 दिसंबर 2023 तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क रहेगा.
भुसे ने कहा, ‘जब आप 10 लाख रुपये से अधिक की गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं तो आप खुदरा दर से 10 से 20 रुपये ऊंची कीमत पर प्याज भी खरीद सकते हैं. जो लोग प्याज नहीं खरीद सकते, अगर वे दो-चार महीने प्याज नहीं खाएंगे तो कुछ बिगड़ नहीं जाएगा.’
उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात शुल्क लगाने का निर्णय उचित समन्वय के साथ लिया जाना चाहिए था.
भुसे ने कहा, ‘कभी-कभी प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति क्विंटल होती है जबकि कभी-कभी इसकी कीमत 2,000 रुपये प्रति क्विंटल होती है. इस पर चर्चा की जा सकती है और एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सकता है.’
इससे पहले सोमवार को व्यापारियों ने लासलगांव सहित नासिक में सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में प्याज की नीलामी अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया, जो भारत में सबसे बड़ा थोक प्याज बाजार है.
सूत्रों ने बताया कि नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ ने केंद्र द्वारा अपना फैसला वापस लेने तक अनिश्चितकाल तक प्याज की नीलामी में हिस्सा नहीं लेने का आह्वान किया है.
कई किसानों और व्यापारियों ने निर्यात शुल्क वापस लेने की मांग को लेकर जिले भर में विरोध प्रदर्शन भी किया है.