दक्षिण अफ्रीकी मीडिया आउटलेट ‘डेली मेवरिक’ ने एक रिपोर्ट में बताया था कि ब्रिक्स सम्मेलन के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब तक विमान से उतरने से इनकार कर दिया था, जब तक दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति को उनके स्वागत के लिए नहीं भेजा गया. डेली मेवरिक का दावा है कि इस रिपोर्ट के प्रकाशन के कुछ ही घंटों के भीतर इसे भारत के साइबर हमलों का निशाना बनाया गया.
नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के मीडिया संस्थान ‘डेली मेवरिक’ ने एक सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि मंगलवार (22 अगस्त) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर को विमान से उतरने से ‘इनकार’ कर दिया, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने देश में उनका स्वागत करने के लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी को नहीं भेजा था.
हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति पॉल मशातिले के प्रवक्ता ने कहा कि योजना यही थी वे मोदी के स्वागत में जाएंगे. उन्होंने कहा कि मैशटाइल प्रधानमंत्री मोदी के उतरने से ‘काफी पहले’ से जोहान्सबर्ग के पास प्रिटोरिया में वॉटरक्लूफ एयर बेस पर थे, जहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चल रहा है.
डेली मेवरिक के अनुसार, शुरुआत में एक कैबिनेट मंत्री को वॉटरक्लूफ एयर बेस पर मोदी का स्वागत करने के लिए भेजा गया था और भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने विमान से उतरने से इनकार कर दिया.
वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इसके विपरीत, सोमवार रात राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए निजी तौर पर वहां मौजूद रहे थे.’
अख़बार के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि आखिरकार उपराष्ट्रपति पॉल मशातिले ने शी जिनपिंग के लिए आयोजित एक कार्यक्रम छोड़कर वॉटरक्लूफ में मोदी का स्वागत करने पहुंचे. द वायर ने पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि शी दक्षिण अफ्रीका की राजकीय यात्रा पर थे.
डेली मेवरिक के पहले पन्ने पर ‘टफ लव ट्रायंगल: व्हाइल रामाफोसा फोकस्ड ऑन शी, मोदी थ्रू अ टैंट्रम एंड रिफ्यूज़्ड टू गेट ऑफ प्लेन‘ (प्रेम त्रिकोण की मुश्किल: रामाफोसा के शी पर ध्यान देने के बीच मोदी का नखरे दिखाते हुए विमान से उतरने से इनकार’) शीर्षक से छपी रिपोर्ट इस खबर जाने तक भारत में नहीं पढ़ी जा सकती थी. डेली मेवरिक का होम पेज भी नहीं खोला जा सकता. खबर के लिंक पर क्लिक करने पर खुलने वाला क्लाउडफेयर पेज बताता है कि ‘ऑनलाइन हमलों से बचने के लिए वेबसाइट सिक्योरिटी सर्विस का इस्तेमाल कर रही है.’ हालांकि, खबर के आर्काइव वर्ज़न को इस लिंक पर पढ़ा जा सकता है.
द वायर ने डेली मेवरिक से संपर्क किया है और उनकी प्रतिक्रिया आने पर खबर को अपडेट किया जाएगा.
हालांकि, डेली मेवरिक के चीफ एग्जीक्यूटिव स्टाइली चारलाम्बस ने न्यूज़ वेबसाइट स्क्रॉल को बताया कि वेबसाइट पर भारत से डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) हमले हुए थे. ऐसे हमले का अर्थ किसी वेबसाइट या उसके आस-पास के इंफ्रास्ट्रक्चर को बहुत ज्यादा ट्रैफ़िक से प्रभावित करने के दुर्भावनापूर्ण प्रयास से है.
जहां भारतीय विदेश मंत्रालय ने डेली मेवरिक के लेख पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है, वहीं आधिकारिक सूत्रों ने इन दावों का खंडन किया है.
लेख में यह भी कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शी के लिए देश की राजकीय यात्रा की व्यवस्था की थी, लेकिन शेड्यूल संबंधी वजहों के कारण वह मोदी के लिए ऐसा नहीं किया जा सका.
दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने खबर का खंडन किया
इस बीच, एक अन्य दक्षिण अफ्रीका के एक और मीडिया संस्थान न्यूज़24 ने बताया कि सरकारी अधिकारियों ने डेली मेवरिक के दावों का दृढ़ता से खंडन किया है.
अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग विभाग (डिर्को) के प्रवक्ता लुंगा नंग्कान्गेलेले ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने ‘अपने ब्रिक्स समकक्षों के लिए इस बात की व्यवस्था की हुई थी कि सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में संबंधित राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत कौन करेगा.’
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिनिधियों की ओर से कोई तनाव नहीं था और ‘दौरों के समय मंत्रियों द्वारा राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत करना आम बात है.’ उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री नलेदी पंडोर ने बिना किसी समस्या के ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी’सिल्वा से मुलाकात की.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पता था कि प्रधानमंत्री का स्वागत कौन करेगा. ‘ज्यादातर मामलों में मंत्री ही राज्य प्रमुखों की अगवानी करते हैं [कार्य दौरों के दौरान], या अगर राष्ट्रपति उपलब्ध हों, तो वे खुद जाते हैं.’
दक्षिण अफ्रीकी उपराष्ट्रपति मशातिले के प्रवक्ता वुकानि म्डे ने भी डेली मेवरिक की खबर का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि मशातिले के कार्यालय को ‘समय से पहले ही अच्छी तरह से पता था’ कि भारतीय प्रधानमंत्री आ रहे हैं और वे उनका स्वागत करेंगे. न्यूज 24 के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा, ‘पीएम मोदी के उतरने से काफी पहले वे वहां थे.’
म्डे ने इस दावे का भी खंडन किया कि मशातिले को एक कार्यक्रम के बीच से वहां ‘भेजा’ गया था- उन्होंने कहा कि वे अपना काम पूरा कर लिया था ताकि वह समय पर वॉटरक्लूफ जा सकें.
रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, ‘उन्हें अचानक ‘भेजा’ नहीं गया था, उन्हें किसी को ‘खुश’ करने की ज़रूरत नहीं थी.’