फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार दिया गया

69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में विवेक अग्निहोत्री की विवादास्पद फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का नरगिस दत्त पुरस्कार देने की जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आलोचना की है. वर्ष 2021 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ‘आरआरआर’ ने छह और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ ने पांच पुरस्कार अपने नाम किए है.

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फिल्म आरआरआर, गंगूबाई काठियावाड़ी और द कश्मीर फाइल्स का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में विवेक अग्निहोत्री की विवादास्पद फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का नरगिस दत्त पुरस्कार देने की जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आलोचना की है. वर्ष 2021 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ‘आरआरआर’ ने छह और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ ने पांच पुरस्कार अपने नाम किए है.

फिल्म आरआरआर, गंगूबाई काठियावाड़ी और द कश्मीर फाइल्स का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

नई दिल्ली: निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की विवादास्पद फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार दिया गया है. इस फिल्म के लिए अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता.

69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की जूरी ने गुरुवार (24 अगस्त) दोपहर को यह घोषणा की. इस घोषणा के साथ ही जूरी के इस फैसले पर बहस छिड़ गई है.

इस घटनाक्रम पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोशल साइट एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर टिप्पणी की और हंसते हुए इमोजी के साथ ‘राष्ट्रीय एकता’ लिखा.

जैसे ही उमर ने यह ट्वीट साझा किया, विवेक अग्निहोत्री ने उन्हें धन्यवाद देते हुए लिखा, ‘यह आपकी ओर से मिलने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है उमर अब्दुल्ला. अगर आपने अन्यथा टिप्पणी की होती तो मुझे बहुत निराशा होती. एक बार फिर धन्यवाद.’

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी फिल्म को अवॉर्ड मिलने की आलोचना की है. उन्होंने कहा, ‘सस्ती राजनीति के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की गरिमा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. यह चौंकाने वाली बात है कि जिस फिल्म को तटस्थ फिल्म समीक्षकों ने विवादास्पद कहकर नजरअंदाज कर दिया था, उसे राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.’

विवेक अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित यह फिल्म पिछले साल मार्च में रिलीज हुई थी. यह 1990 के दशक में आतंकवाद के चरम पर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है.

फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे. नवंबर 2022 में गोवा में आयोजित 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में इस फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर तब विवाद खड़ा हो गया था, जब इजरायली फिल्म निर्माता नदाव लपिद ने इसे ‘एक भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म’ करार दिया था.

लपिद इफ्फी की अंतररराष्ट्रीय जूरी के प्रमुख थे और अपने इस बयान के कारण भारत में एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे. अपने सत्ता विरोधी बयानों के लिए खबरों में रहने वाले लपिद ने इसके बाद आरोप लगाया था कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ को महोत्सव की आधिकारिक स्पर्धा में ‘राजनीतिक दबाव’ में जबरदस्ती शामिल कराया गया था.

रिलीज के बाद राजनीतिक दलों में इस फिल्म की विषयवस्तु को लेकर बहस छिड़ गई थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी भाजपा के कई नेताओं ने जहां फिल्म, इसके कलाकारों और इसके फिल्म निर्माताओं की प्रशंसा की थी. वहीं विपक्ष ने इसे एकतरफा और बेहद हिंसक बताया था.

भाजपा के विरोधियों पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2022 को कहा था कि ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए, क्योंकि ये सच को सामने लेकर आती हैं. एक लंबे समय तक जिस सच को छिपाने की कोशिश की गई, उसे सामने लाया जा रहा है, जो लोग सच छिपाने की कोशिश करते थे, वो आज विरोध कर रहे हैं.

फिल्म संयोग से पिछले साल सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्मों में से एक बन गई थी.

लापिद के अलावा दिसंबर 2022 में पटकथा लेखक और निर्देशक सईद अख्तर मिर्जा ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘कचरा’ बताते हुए कहा था कि बात पक्ष लेने की नहीं, विषय को मानवीय रूप से समझने की है.

‘आरआरआर’ को छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ को पांच

द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को घोषित वर्ष 2021 के 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में एसएस राजामौली की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘आरआरआर’ ने छह पुरस्कार जीते, जब​कि संजय लीला भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ ने पांच श्रेणियों में पुरस्कार अपने नाम किए.

आर. माधवन द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित ‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म चुना गया, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार तेलुगू सुपरहिट ‘पुष्पा: द राइज पार्ट-1’ के लिए अल्लू अर्जुन को दिया गया.

समारोह में आलिया भट्ट और कृति सेनन को क्रमश: ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ‘मिमी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला.

किसी निर्देशक की पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी अवॉर्ड फॉर बेस्ट डेब्यू फिल्म ‘मेप्पाडियां’ (Meppadiyan) को दिया गया. इस फिल्म के निर्देशक विष्णु मोहन हैं और इसका निर्माण उन्नी मुकुंदन फिल्म्स ने किया है.

इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार मराठी फिल्म गोदावरी (द होली वॉटर) के लिए निखिल महाजन को मिला.

डीवीवी एंटरटेनमेंट्स द्वारा निर्मित ‘आरआरआर’ ने संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म सहित छह श्रेणियों में पुरस्कार जीता.

इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक (कोमुराम भीमुडो गीत के लिए काला भैरव), सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन एमएम कीरावानी (‘पुष्पा: द राइज पार्ट-1’ के संगीतकार देवी श्री प्रसाद के साथ उन्होंने यह पुरस्कार साझा किया), सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स (वी. श्रीनिवास मोहन), सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी (प्रेम रक्षित) और सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन (किंग सोलोमन) का राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया.

इस साल की शुरुआत में ‘आरआरआर’ के एक गाने ‘नाटू-नाटू’ ने 95वें अकादमी पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए ऑस्कर पुरस्कार जीता था.

संजय लीला भंसाली की संगीतमय फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ ने सर्वश्रेष्ठ पटकथा-अडॉप्टेड (भंसाली और उत्कर्षिनी वशिष्ठ), सर्वश्रेष्ठ संवाद (उत्कर्षिनी वशिष्ठ और प्रकाश कपाड़िया), सर्वश्रेष्ठ संपादन (भंसाली), सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (आलिया भट्ट) और सर्वश्रेष्ठ मेकअप आर्टिस्ट (प्रीतिशील सिंह डिसूजा) का पुरस्कार जीता.

ऐतिहासिक बायोपिक ‘सरदार उधम’ ने पांच श्रेणियों में पुरस्कार जीते. इसमें सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म (निर्माता किनो वर्क्स एलएलपी और निर्देशक शूजीत सरकार), सर्वश्रेष्ठ छायांकन (अविक मुखोपाध्याय), सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी (सिनॉय जोसेफ), सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन (दिमित्री मलिक और मानसी ध्रुव मेहता) और सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर (वीरा कपूर) शामिल हैं.

शाही कबीर ने मलयालम फिल्म ‘नायट्टू – द हंट’ के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा (मूल) का पुरस्कार जीता. ‘मिमी’ फिल्म के लिए पंकज त्रिपाठी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता चुना गया. सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार सृष्टि लखेड़ा द्वारा निर्देशित बॉलीवुड फिल्म ‘एक था गांव’ को मिला.

श्रेया घोषाल ने तमिल फिल्म ‘इराविन निज़ल’ (शैडो ऑफ द नाइट) में ‘मायावा चायवा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का पुरस्कार जीता. सर्वश्रेष्ठ गीत का पुरस्कार तेलुगू फिल्म ‘कोंडा पोलम’ में ‘धम धम धम’ के लिए चंद्रबोस को दिया गया.

क्रिटिक्स स्पेशल मेंशन पुरस्कार फिल्म लेखक सुब्रमण्या बदूर (कन्नड़) को दिया गया. सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक पुरुषोत्तम चार्युलु (तेलुगू) को चुना गया. इसके अलावा सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ किताब का पुरस्कार ‘म्यूज़िक बाय लक्ष्मीकांत प्यारेलाल: द एनक्रेडिबली मेलोडियस जर्नी’ नामक किताब को दिया गया, जिसे राजीव विजयकर ने लिखा है.