24 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में 88.17 मीटर का शानदार थ्रो कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया. प्रतियोगिता में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने रजत पदक हासिल किया. उन्होंने 87.82 मीटर का थ्रो किया था. वहीं चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च ने 86.67 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता.
नई दिल्ली: ओलंपिक विजेता नीरज चोपड़ा ने हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है. इसके साथ ही यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय एथलीट बनकर उन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है.
24 वर्षीय नीरज ने असाधारण कौशल का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने अपने दूसरे प्रयास के दौरान 88.17 मीटर का शानदार थ्रो किया. पाकिस्तान के अरशद नदीम को प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया. उन्होंने 87.82 मीटर का थ्रो किया था.
88.17 Meters for 🥇
Neeraj Chopra becomes 1st 🇮🇳 athlete to win a gold medal at the #WorldAthleticsChampionships 😍
Watch the best of #Budapest23 – FREE only on #JioCinema ✨#WAConJioCinema pic.twitter.com/le562o9zp2
— JioCinema (@JioCinema) August 27, 2023
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अरशद ही नीरज चोपड़ा को चुनौती देने के सबसे करीब थे. नदीम ने 90 मीटर से अधिक थ्रो के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. इस प्रतियोगिता में उन्होंने 74.80 मीटर के साथ धीमी शुरुआत की, 82.18 तक पहुंचे और फिर अपने सर्वश्रेष्ठ 87.82 के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
इसी प्रतियोगिता में चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च ने 86.67 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता. वहीं, भारत के किशोर जेना (84.77 मीटर) पांचवें स्थान पर और डीपी मनु (84.14) छठे स्थान पर रहे.
दो साल पहले (2021 में) टोक्यो ओलंपिक में चोपड़ा की 87.58 मीटर की ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली दूरी उनके शीर्ष 10 थ्रो में से नहीं है.
उनके 10 सर्वश्रेष्ठ थ्रो में से नौ ग्रीष्मकालीन खेलों के बाद आए हैं. इनमें से 89.94 मीटर सबसे अच्छा और 88.13 मीटर सबसे छोटा है. चोपड़ा ने अपने करिअर में 10 बार 88 मीटर से अधिक, 26 बार 85 मीटर से अधिक और 37 बार 82 मीटर से अधिक दूर तक भाला फेंका है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस उपलब्धि पर चोपड़ा ने कहा, ‘यह बहुत अच्छा था. ओलंपिक स्वर्ण के बाद मैं वास्तव में विश्व चैंपियनशिप जीतना चाहता था. मैं बस भाले को और आगे फेंकना चाहता था. यह राष्ट्रीय टीम के लिए शानदार है, लेकिन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतना मेरा सपना था.’
उन्होंने कहा, ‘यह भारत के लिए एक शानदार चैंपियनशिप रही है और मुझे अपने देश के लिए एक और खिताब लाने पर गर्व है. मुझे नहीं लगता कि मैं यहां सर्वश्रेष्ठ थ्रोअर हूं. मैं आज रात और अधिक थ्रो करना चाहता था. मैं 90 मीटर से अधिक फेंकना चाहता था. हालांकि ऐसा नहीं कर सका. शायद अगली बार.’