सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि चीन अक्साई चिन में बंकर और निर्माण मज़बूत कर रहा है: रिपोर्ट

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेजरी का विश्लेषण करते हुए बताया गया है कि 6 दिसंबर 2021 और इस साल 18 अगस्त को ली गई तस्वीरों की तुलना से पता चलता है कि चीनियों ने अक्साई चिन के 15 वर्ग किलोमीटर के भीतर छह स्थानों पर बंकर बनाए हैं और अंडरग्राउंड निर्माण किया है.

अक्साई चिन क्षेत्र. (साभार: गूगल मैप)

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेजरी का विश्लेषण करते हुए बताया गया है कि 6 दिसंबर 2021 और इस साल 18 अगस्त को ली गई तस्वीरों की तुलना से पता चलता है कि चीनियों ने अक्साई चिन के 15 वर्ग किलोमीटर के भीतर छह स्थानों पर बंकर बनाए हैं और अंडरग्राउंड निर्माण किया है.

अक्साई चिन क्षेत्र. (साभार: गूगल मैप)

नई दिल्ली: चीन ने हवाई हमलों से बेहतर सुरक्षा के लिए अक्साई चिन क्षेत्र में इसके बंकरों और भूमिगत सुविधाओं को मजबूत किया है.

हिंदुस्तान टाइम्स ने सैटेलाइट इमेजरी का विश्लेषण करते हुए बताया कि ये निर्माण वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगभग 70 किमी दूर स्थित हैं.

अख़बार ने मई में सैटेलाइट इमेजरी का अध्ययन करने के बाद बताया था कि चीन ने नए रनवे बनाए हैं, जेट सुरक्षा शेल्टर को बढ़ाया है और समर्थन और सैन्य अभियानों के लिए नई इमारतें बनाई हैं. रिपोर्ट में कहा गया था कि यह सब एलएसी के साथ अपने एयरबेस का विस्तार करने और इसे ‘व्यापक श्रेणी के संचालन’ करने की अनुमति देने के लिए था.

अब अख़बार ने बताया है कि कर्मियों के बंकरों को मजबूत किया गया है. इससे पता चलता है कि उन्होंने ‘हवाई या मिसाइल हमलों से अतिरिक्त सुरक्षा देने के लिए अपने चारों ओर दीवार खड़ी कर ली है.’ इसके अलावा, बमबारी के प्रभाव को ख़त्म करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं को अलग-अलग जगह बनाया गया है.

रिपोर्ट में 18 अगस्त की तस्वीरें शामिल हैं, जिसे अख़बार ने ‘अंडरग्राउंड सुविधाओं को विकसित’ किया जाना बताया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 6 दिसंबर 2021 और इस साल 18 अगस्त को ली गई तस्वीरों की तुलना से पता चलता है कि चीनियों ने अक्साई चिन के 15 वर्ग किलोमीटर के भीतर छह स्थानों पर बंकर बनाए हैं और भूमिगत निर्माण किया है.

खबर में उसी क्षेत्र में रही नई विकास गतिविधियों का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें नई सड़कें, सुरंगें, नए प्रवेश द्वार और सैनिकों के लिए बंकर शामिल हैं. नई सुरंगों के लिए कुछ स्थानों पर पहाड़ियों को खोदा जा रहा है.

भारतीय अधिकारियों ने अख़बार के इस विश्लेषण पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

उल्लेखनीय इसी हफ्ते चीन सरकार द्वारा जारी चीन के मानक मानचित्र के 2023 के संस्करण में पूरे अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया है.

इस पर आपत्ति जताते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस तरह के कदम बड़े सीमा विवाद के समाधान को ‘जटिल’ बनाते हैं.