‘एक देश एक चुनाव’ की संभावना तलाशने के लिए समिति गठित होने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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संसद के विशेष सत्र की घोषणा के बाद केंद्र ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने के लिए एक समिति बनाई है. एनडीटीवी के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है और हमारा लोकतंत्र एक परिपक्व लोकतंत्र है. यहां देशहित से जुड़े विषयों पर चर्चा करने की लंबी और समृद्ध परंपरा रही है. ‘एक देश एक चुनाव’ के विषय पर चर्चा करने और लोगों की राय जानने के लिए अभी सिर्फ एक कमेटी का गठन किया गया है. संसद के आगामी विशेष सत्र का एजेंडा जल्द ही देश के साथ साझा किया जाएगा.’ जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1967 तक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते थे, जिससे देश में विकास के लिए अच्छा माहौल बना. बार-बार चुनावों से ‘निर्णय लेने की प्रक्रिया में समस्याएं’ पैदा होती हैं. बता दें कि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी विशेष सत्र में ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक पेश किया जा सकता है.

असम राइफल्स के महानिदेशक (डीजी)  पीसी नायर ने कहा कि मणिपुर में हिंसा स्थिति अभूतपूर्व है और राज्य में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पिछले 72 घंटों में हुई ताजा हिंसा के दौरान बिष्णुपुर और चूड़ाचांदपुर जिलों में आठ लोगों की मौत हुई है और कम से कम 18 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने पहले कभी भी इस तरह की किसी चीज़ का सामना नहीं किया है. यह हमारे लिए नया है, यह मणिपुर के लिए भी. ऐसा ही कुछ 90 के दशक की शुरुआत में हुआ था जब नगाओं और कुकी के बीच संघर्ष हुए थे और फिर 90 के दशक के अंत में कुकी समूहों में अंदरूनी संघर्ष हुए.’ उन्होंने  हिंसा प्रभावित राज्य में सशस्त्र बलों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था. नायर के अनुसार, सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक दोनों समुदायों के भीतर ‘बड़ी संख्या में हथियार’ हैं. उन्होंने कहा कि समाधान का एकमात्र तरीका बातचीत है. लोगों को यह एहसास कराने की जरूरत है कि आगे बढ़ने का रास्ता शांति ही है. उन्हें बातचीत करनी होगी.’

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन संबंधों की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ‘विवाह की संस्था को नष्ट करने की सुव्यवस्थित योजना’ है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, लिव-इन पार्टनर से बलात्कार के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देते हुए जस्टिस सिद्धार्थ ने कहा कि लिव-इन संबंध को इस देश में विवाह की संस्था के अप्रचलित होने के बाद ही सामान्य माना जाएगा, जैसा कि कई तथाकथित विकसित देशों में होता है जहां विवाह की संस्था को बचाना एक बड़ी समस्या बन गई है. हम भविष्य के लिए बड़ी समस्या खड़ी करने की ओर बढ़ हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ‘हर मौसम में पार्टनर बदलना स्वस्थ समाज की पहचान नहीं माना जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि पुरुषों की तुलना में लिव-इन रिलेशनशिप से बाहर आने वाली महिलाओं के लिए शादी के लिए साथी ढूंढना काफी मुश्किल होता है. महिला किसी भी धर्म की हो, समाज के मध्यमवर्गीय समाज के नियम-कायदे उनके सामाजिक स्टेटस वापस पाने के प्रयासों के खिलाफ ही जाते हैं. अदालत ने यह कहते हुए कि ‘हमारे जैसे देश में मध्यम वर्ग की नैतिकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है’, पाकिस्तान का भी जिक्र किया. अदालत ने कहा कि उस देश में ‘मध्यम वर्ग और मध्यमवर्गीय नैतिकता की गैर-मौजूदगी सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, नैतिक और अन्य प्रकार की अशांति का पर्याप्त प्रमाण है.’

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुद को ईडी और गृह मंत्रालय का अधिकारी बताकर लोगों को ठगने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एनडीटीवी के अनुसार, एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि आरोपी की पहचान ओमवीर सिंह के रूप में हुई है. ईडी की जांच अहमदाबाद पुलिस और सूरत पुलिस द्वारा ओमवीर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी. ईडी के अनुसार, ओमवीर ने खुद को ईडी का एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए धोखाधड़ी से अपने उच्च पदस्थ संपर्क व्यक्तियों के माध्यम से टेंडर का काम कराने के बहाने एक कोयला व्यापारी से 1.50 करोड़ रुपये की ठगी की. एक अन्य घटना में उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय में वित्तीय सलाहकार और लेखा परीक्षक होने की बात कहकर सूरत की एक कंपनी से 2 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की.

महाराष्ट्र की नागपुर यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में ‘राम जन्मभूमि आंदोलन’, भाजपा शामिल किया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार,  एमए इतिहास पाठ्यक्रम में जनसंघ और रिपब्लिकन पार्टी पर एक अध्याय को बरक़रार रखते हुए सीपीआई की जगह भाजपा को शामिल किया है. इसके अलावा द्रमुक पर एक अध्याय को बदलते हुए अन्नाद्रमुक को लाया गया है. साथ ही, खालिस्तान आंदोलन पर एक अध्याय को हटाया गया है. विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, ‘1980-2000 तक भारतीय जन आंदोलन’ नामक एक नया अध्याय शामिल किया गया है, जो राम जन्मभूमि आंदोलन पर केंद्रित है. इससे पहले 2019 में विश्वविद्यालय ने अपने बीए इतिहास के चौथे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में आरएसएस पर एक अध्याय जोड़ा था.

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 118 करोड़ रुपये की ‘अघोषित आय’ को लेकर आयकर विभाग से नोटिस मिला है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नोटिस नायडू की प्रारंभिक आपत्तियों कि क्षेत्राधिकार मूल्यांकन अधिकारी द्वारा विवादित वित्तीय वर्षों के लिए उनकी आय के पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उनके खिलाफ कर कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती, के जवाब में जारी किया गया है. नायडू के खिलाफ जांच मनोज वासुदेव पारदासनी नामक व्यक्ति और उनके सहयोगियों के परिसर में तलाशी के बाद शुरू हुई, जो शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसपीसीएल) की ओर से दिसंबर 2017 और नवंबर 2019 में से राज्य सरकार की निविदा प्रक्रिया में भाग ले रहे थे. नोटिस कहता है कि अपने बयानों में पारदासनी ने फर्जी उप-ठेकेदार कंपनियों के जरिये एसपीसीएल द्वारा पैसों की हेराफेरी के लिए फर्जी संपर्क और वर्क ऑर्डर तैयार करने की बात स्वीकारी है. यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब तेदेपा और भाजपा के बीच गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही हैं.

उत्तराखंड में दक्षिणपंथी समूह द्वारा ऋषिकेश में दो मज़ारों को ध्वस्त करने की घटना सामने आई है. द हिंदू के मुताबिक, समूह के सदस्यों ने पिछले सप्ताह किए इस कृत्य को सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किया था. वीडियो सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और पुलिस अब तक वीडियो में दिख रहे आरोपियों की पहचान नहीं कर सकी है.