बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि विपक्ष ने एक सोची-समझी रणनीति और साज़िश के तहत अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखकर एनडीए सरकार को देश के नाम पर संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका दिया है. सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर देश के नाम पर बने सभी दलों, संगठनों और गठबंधनों पर रोक लगानी चाहिए.
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार (6 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट से ‘भारत’ और ‘इंडिया’ नाम को लेकर की जा रही ‘संकीर्ण राजनीति’ पर स्वत: संज्ञान लेने और देश के नाम का उपयोग करने वाले सभी राजनीतिक दलों, संगठनों और गठबंधनों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह टिप्पणी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ (President of India) के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ (President of Bharat) के तौर पर जी-20 रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजने के एक दिन बाद आई है.
इस बदलाव पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) के घटक दलों ने राष्ट्रपति के निमंत्रण में ‘भारत’ के संदर्भ को सत्तारूढ़ दल के सामने पेश की जा रही विकट चुनौती से भाजपा की घबराहट से जोड़ा है.
मायावती ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखे जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) या केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए था. सत्तारूढ़ दल को गठबंधन के ‘इंडिया’ नाम पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून लाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि ‘भारत’ और ‘इंडिया’ देश के प्रसिद्ध और गरिमामय संवैधानिक नाम हैं. संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है, ‘इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ है.’
मायावती ने कहा कि लोग उस संविधान से प्यार करते हैं, उसका सम्मान करते हैं और उससे जुड़ाव रखते हैं, जिसका प्रारूप भीमराव आंबेडकर ने तैयार किया था.
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इसमें संशोधन करना या इसकी भावना से छेड़छाड़ करना अनुचित और अन्यायपूर्ण होगा.’
जी-20 रात्रिभोज आमंत्रण से उन अटकलों को बल मिला है कि ‘इंडिया’ का नाम बदलकर ‘भारत’ करना, 18 से 22 सितंबर तक आयोजित होने जा रहे संसद के विशेष सत्र के दौरान विधायी एजेंडे का हिस्सा हो सकता है.
मायावती ने कहा कि विपक्ष ने एक सोची-समझी रणनीति और साजिश के तहत अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखकर एनडीए सरकार को देश के नाम पर संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका दिया है. उन्होंने कहा, ‘विपक्ष और सत्ता पक्ष की नाम की राजनीति की निंदा की जानी चाहिए.’
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘भारत’ बनाम ‘इंडिया’ की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘लोग गंदी राजनीति को समझ गए हैं. गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को दरकिनार कर दिया गया है.’
उन्होंने ‘इंडिया’ और ‘भारत’ पर ‘संकीर्ण राजनीति’ को जनविरोधी बताया. कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय को इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए अन्यथा हमारे देश के नाम पर संकीर्ण राजनीति किसी को भी हमारे संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का अवसर प्रदान करेगी.’
मुंबई में दो दिवसीय तीसरी ‘इंडिया’ गठबंधन के बैठक से एक दिन पहले सोशल साइट एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर मायावती ने कहा था कि बसपा लगातार एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन की नीतियों के खिलाफ लड़ रही है.
06-09-2023-BSP PRESS NOTE-INDIA-BHARAT CONTROVERSY pic.twitter.com/hgOsGBqTqz
— Mayawati (@Mayawati) September 6, 2023
उन्होंने जोर देकर कहा था कि बसपा ने लोगों के हित में दोनों गठबंधनों से दूरी बनाए रखने का फैसला किया है.
पिछले हफ्ते मायावती ने विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन और भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया था और इन दलों को ज्यादातर ‘गरीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक और अमीर-समर्थक’ बताया था.
इससे पहले मायावती ने 23 अगस्त को कहा था कि उनकी पार्टी ने अगले साल उत्तर प्रदेश में अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, क्योंकि पिछले अनुभव से पता चलता है कि गठबंधन करने से उसे कुछ हासिल नहीं होता है.
उन्होंने दावा किया था कि जब भी बसपा यूपी में किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती है, तो उसके वोट गठबंधन साझेदार को मिल जाते हैं, लेकिन इसका उलटा नहीं होता है.