तमिलनाडु: सैन्य कपड़ा फैक्ट्री क्वार्टर में सीवेज मैनहोल में दम घुटने से दो लोगों की मौत

तमिलनाडु के अवाडी में ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री (ओसीएफ) क्वार्टर में सीवेज चेंबर में सीवेज में रुकावट आने पर एक निजी ठेकेदार को काम पर रखा गया था. उनके बुलाए दो लोगों ने जब मैनहोल का ढक्कन खोला तब ज़हरीली गैस की चपेट में आकर दम घुटने से उनकी जान चली गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

तमिलनाडु के अवाडी में ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री (ओसीएफ) क्वार्टर में सीवेज चेंबर में सीवेज में रुकावट आने पर एक निजी ठेकेदार को काम पर रखा गया था. उनके बुलाए दो लोगों ने जब मैनहोल का ढक्कन खोला तब ज़हरीली गैस की चपेट में आकर दम घुटने से उनकी जान चली गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: गुरुवार को चेन्नई से 22 किमी दूर अवाडी में केंद्र सरकार की ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री (ओसीएफ) क्वार्टर में सीवेज चेंबर में मैनहोल का ढक्कन खोलने के बाद जहरीली गैस की चपेट में आकर दम घुटने से दो लोगों की जान चली गई.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ितों की पहचान अवाडी के मोसेस (55) और पट्टाबीराम के सी. देवन (50) के रूप में की गई है. गिरि नगर स्थित ओसीएफ क्वार्टर में 200 से अधिक परिवार रहते हैं. उन्हें वहां के निवासियों की सीवेज रुकावट की शिकायतों को ठीक करने के लिए बुलाया गया था. रुकावट को दूर करने के लिए एक निजी ठेकेदार को काम पर रखा गया था और उसने दो लोगों की मदद ली थी.

मैनहोल का ढक्कन खोलने वाले पहले व्यक्ति मोसेस को इसे उठाते ही तुरंत जहरीली गैस के संपर्क में आ गए, जिसके कारण वह 3 फीट चौड़े और 15 फीट गहरे चेंबर में गिर गए, जो सीवेज लाइन से जुड़ा हुआ था. मोसेस को बचाने के प्रयास में देवन भी खतरनाक गैस की चपेट में आ गए और चेंबर में गिर गए. यह देखकर क्वार्टर का 60 वर्षीय गार्ड अरुणागिरी, जब दोनों की मदद के लिए गए तो बेहोश हो गए.

ओसीएफ निवासियों से सूचना मिलने पर अवाड़ी के पुलिस और अग्निशमन सेवा कर्मी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे. वे दोनों के शव निकालने में कामयाब रहे, जबकि गार्ड को तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया और उसे इलाज के लिए अवाडी सरकारी अस्पताल ले जाया गया.

पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी किलपौक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया. मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त पुलिस आयुक्त, अवाडी, पी.विजयकुमार, पुलिस उपायुक्त, अवाडी, एन. बास्कर ने घटनास्थल का दौरा किया और पूछताछ की. अवाडी टैंक फैक्ट्री पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए (लापरवाही के कारण मौत) और कानून के अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया, जिन्होंने उन्हें काम पर लगाया था. आगे की जांच जारी है.

इसी बीच, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है और अपनी संवेदना व्यक्त की है.

उधर, उनके रिश्तेदारों ने कहा कि देवन ने अपने परिवार को नहीं बताया कि वह सीवेज टैंक की सफाई में शामिल है. दिहाड़ी मजदूर देवन के परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है.

देवन की बेटी ने कहा, ‘वह कई वर्षों से निर्माण उद्योग में काम कर रहा था और पिछले 10 वर्षों से स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित था. उनकी रीढ़ की हड्डी में समस्या थी और वह अब निर्माण सामग्री का वजन नहीं उठा सकते थे.’

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमसे केवल इतना कहा कि वे हमारा खर्च उठाएंगे और हमें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. हमें नहीं पता था कि वो सीवेज सफाई का काम कर रहे थे. एक बार जब हमने उनको सीवेज टैंक से गाद साफ करते देखा, तो उन्होंने हमें कहा कि यह सिर्फ एक दिन के लिए है.’