कांग्रेस सांसद ने पूछा- क्या भारतीय धरती पर अमेरिकी सैन्य ठिकानों को अनुमति दी जाएगी?

बीते 8 सिंतबर को भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि दोनों पक्षों ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों और अन्य विमानों और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक केंद्र के रूप में भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की सिफ़ारिश की है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार से इसे संसद में स्पष्ट करने को कहा है.

मनीष तिवारी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

बीते 8 सिंतबर को भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि दोनों पक्षों ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों और अन्य विमानों और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक केंद्र के रूप में भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की सिफ़ारिश की है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार से इसे संसद में स्पष्ट करने को कहा है.

मनीष तिवारी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बीते शनिवार को कथित तौर पर भारत की धरती पर अमेरिकी सैन्य अड्डे को इजाजत देने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला और सरकार से संसद में इसे स्पष्ट करने को कहा.

तिवारी ने सवाल उठाया है कि क्या भारत-अमेरिका की ओर से जारी संयुक्त बयान की एक पंक्ति का मतलब यह है कि भारतीय धरती पर अमेरिकी सैन्य अड्डों की अनुमति दी जाएगी.

भारत-अमेरिका का संयुक्त बयान बीते 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद आया, जिस पर द वायर ने एक घंटे की बातचीत की रिपोर्ट दी थी.

श्रीआनंदपुर साहिब से सांसद तिवारी ने संयुक्त बयान में पैराग्राफ 18 की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसके ‘दीर्घकालिक निहितार्थ’ हैं. इस पैराग्राफ में कहा गया है:

नेताओं ने अगस्त 2023 में अमेरिकी नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षरित सबसे हालिया समझौते के साथ दूसरे मास्टर शिप मरम्मत समझौते के समापन की सराहना की. दोनों पक्षों ने तैनात (Forward-Deployed) अमेरिकी नौसेना संपत्तियों और अन्य विमानों और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक केंद्र के रूप में भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की सिफारिश की.

[फॉरवर्ड डेप्लॉयड (Forward-Deployed) कुछ सेनाओं द्वारा शक्ति प्रक्षेपण और राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के साधन के रूप में किसी विदेशी देश में स्थायी उपस्थिति स्थापित करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्रथा है.]

तिवारी का तर्क संभवत: उस लाइन को लेकर है कि भारत ‘अमेरिकी नौसेना की संपत्तियों और अन्य विमानों और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक केंद्र’ के रूप में उभरेगा.

अमेरिका का दुनिया के कई देशों में सक्रिय सैन्य अड्डे हैं. इसमें ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इराक, जापान और दक्षिण कोरिया समेत अन्य देश शामिल हैं.

तिवारी ने पूछा, ‘इससे पहले भी 22 जून 2023 के संयुक्त वक्तव्य के पैरा 14 में इसी तरह की बात थी. क्या यह भारतीय धरती पर अमेरिकी सैन्य अड्डे उपलब्ध कराने का मामला है?’

तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इसे संसद में स्पष्ट करना होगा.

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