निपाह वायरस: केरल के कोझिकोड ज़िले के 11 वार्डों को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निपाह वायरस के पुष्ट किए गए मामलों की संपर्क सूची में शामिल 789 व्यक्तियों की पहचान की गई है, उनमें से 77 व्यक्ति उच्च जोखिम श्रेणी में हैं. 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता कम जोखिम वाली श्रेणी में हैं. सरकार ने संक्रमण के मद्देनज़र सभी शैक्षिक संस्थानों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को अवकाश घोषित किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निपाह वायरस के पुष्ट किए गए मामलों की संपर्क सूची में शामिल 789 व्यक्तियों की पहचान की गई है, उनमें से 77 व्यक्ति उच्च जोखिम श्रेणी में हैं. 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता कम जोखिम वाली श्रेणी में हैं. सरकार ने संक्रमण के मद्देनज़र सभी शैक्षिक संस्थानों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को अवकाश घोषित किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड जिले में बुधवार (13 सितंबर) को निपाह वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर पांच हो गई. इस बीच राज्य सरकार ने संक्रमण के मद्देनजर सभी शैक्षिक संस्थानों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को अवकाश घोषित किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य ने पहले निपाह वायरस संक्रमण के चार मामले दर्ज किए थे – उनमें से दो की पिछले दो सप्ताह में मृत्यु हो गई है. 24 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जिसके नमूनों में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है, कोझिकोड के एक निजी अस्पताल से संबंधित है, जहां 30 अगस्त को संक्रमण से एक पीड़ित की मृत्यु हो गई थी. स्वास्थ्य कार्यकर्ता और दो अन्य लोगों का इलाज चल रहा है.

पुष्टि किए गए मामलों की संपर्क सूची में 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं.

निपाह वायरस के प्रकोप पर बुधवार को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘अब तक तीन नमूनों को निपाह पॉजिटिव पाया गया है. हमने कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी है. 789 कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में से 77 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं, 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता कम जोखिम वाली श्रेणी में हैं.’

उन्होंने कहा, ‘उच्च जोखिम श्रेणी के मरीजों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने घरों के अंदर ही रहें. अगर उनमें कोई लक्षण है तो वे कॉल सेंटर से संपर्क कर सकते हैं. अगर आइसोलेशन में रहने वाला व्यक्ति किसी भी लक्षण की रिपोर्ट करता है, तो उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया जाएगा.’

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, ‘हमने टेलीमेडिसिन सुविधा की व्यवस्था की है. हमने निपाह वायरस के प्रकोप की निगरानी के लिए 19 समितियां बनाई हैं. उच्च जोखिम श्रेणी में आने वाले किसी भी व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं है. हमारे पास मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन के लिए 75 कमरे हैं. मेडिकल कॉलेज में भर्ती 13 लोगों में हल्के लक्षण ही हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस बीच राज्य सरकार ने बुधवार को नियंत्रण उपाय बढ़ा दिए. एक राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष खोला गया, कोझिकोड जिले की नौ पंचायतों को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया और संक्रमित व्यक्तियों की संपर्क सूची में नाम आने के बाद 800 से अधिक व्यक्तियों को निगरानी में लाया गया.

स्थिति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद सरकार ने कोझिकोड जिले में अगले 10 दिनों के लिए सामाजिक दूरी (Social Distancing) लागू कर दी है. जिले में सभी सार्वजनिक समारोह रद्द कर दिए जाएंगे और सामाजिक समारोहों को केवल प्रतिबंधित भागीदारी और पुलिस की पूर्व अनुमति के साथ ही अनुमति दी जाएगी.

बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि 17 व्यक्तियों को कोझिकोड के अस्पतालों में अलग रखा गया है. संक्रमित मामलों में से एक नौ वर्षीय बच्चा गहन चिकित्सा इकाई में है.

उन्होंने कहा कि आईसीएमआर से उनके इलाज के लिए आवश्यक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भेजने का अनुरोध किया गया है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि संक्रमण के स्रोत की पहचान करने के प्रयास जारी हैं. चूंकि फलों पर निर्भर चमगादड़ों (Fruit Bats) को वायरस का भंडार माना जाता है और जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण का संदेह है, इसलिए चमगादड़ों द्वारा आंशिक रूप से खाए गए फलों के नमूने मृत पीड़ितों के गांवों अयानचेरी और मारुथोंकारा से एकत्र किए गए थे. स्थानीय पंचायत अधिकारियों ने गांवों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया.

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के डॉक्टरों की एक टीम ने नियंत्रण कक्ष का दौरा किया. बृहस्पतिवार को निपाह वायरस के प्रकोप पर जिला प्रशासन से मिलने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य टीम केरल के कोझिकोड पहुंच गई है.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोझिकोड जिला कलेक्टर ए. गीता ने एक फेसबुक पोस्ट में घोषणा की कि शैक्षणिक संस्थान छात्रों के लिए दो दिन ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर सकते हैं. हालांकि, विश्वविद्यालय परीक्षा कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा.

सरकार ने कहा कि इस बार राज्य में जो निपाह वेरिएंट देखा गया है, वह बांग्लादेश वेरिएंट है. इस वेरिएंट को अन्य वेरिएंट की तुलना में कम संक्रामक कहा जाता है, हालांकि इसकी मृत्यु दर अधिक है. यह इंसानों से इंसानों के बीच तेजी से फैलता है.

जॉर्ज ने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति का गहन विश्लेषण किया गया और हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि रोकथाम के सभी संभावित उपाय मौजूद हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

मंत्री ने यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर के अध्ययनों से पता चला है कि केवल कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरे केरल राज्य में इस तरह के संक्रमण होने का खतरा है.

जॉर्ज ने कहा कि वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि निपाह वायरस का नवीनतम मामला जंगल क्षेत्र के पांच किलोमीटर के भीतर उत्पन्न हुआ था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पहली बार निपाह वायरस का प्रकोप 2018 में देखा गया था. 19 मई 2018 को भारत के केरल के कोझिकोड जिले से निपाह वायरस का प्रकोप सामने आया था और एक महीने के भीतर कुल 17 मौतें हुई थीं और 18 पुष्ट मामले सामने आए थे.