‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा चौदह न्यूज़ एंकरों का बहिष्कार करने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने बुधवार को अपनी समन्वय समिति की पहली बैठक में घोषणा की है कि इसके घटक दल ‘भड़काऊ बहसें’ आयोजित करने वाले टीवी शो/एंकरों का बहिष्कार करेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में हुई इस बैठक में भाग लेने वाले सभी 12 दलों की ओर से बोलते हुए कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘समन्वय समिति ने मीडिया सब-कमेटी को उन एंकरों के नाम तय करने के लिए अधिकृत किया है जिनके शो पर ‘इंडिया’ गठबंधन का कोई भी दल अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगा.’ गुरुवार को इन एंकरों की लिस्ट जारी की गई है, जिसमें राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों से जुड़े चौदह एंकरों के नाम शामिल हैं. सूची में अदिति त्यागी (आज तक), अमन चोपड़ा (नेटवर्क 18), अमीश देवगन (न्यूज़ 18), आनंद नरसिम्हन (नेटवर्क 18), अर्नब गोस्वामी (रिपब्लिक), अशोक श्रीवास्तव (डीडी न्यूज़), चित्रा त्रिपाठी (आज तक), गौरव सावंत (इंडिया टुडे/आज तक), नविका कुमार (टाइम्स नाउ नेटवर्क), प्राची पाराशर (इंडिया टीवी), रूबिका लियाक़त (भारत 24), शिव अरूर (इंडिया टुडे), सुधीर चौधरी (आज तक) और सुशांत सिन्हा (टाइम्स नाउ नवभारत) के नाम दिए गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में पार्टी विधायक और प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक कैलाश मेघवाल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को ‘भ्रष्ट’ कहने के लिए निलंबित कर दिया है. दैनिक भास्कर के अनुसार, राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष 89 वर्षीय कैलाश ने पिछले महीने भीलवाड़ा में हुए एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अर्जुन राम को ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ बताते हुए एक अधिकारी के रूप में काम करने के दौरान करोड़ों रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इसे लेकर प्रदेश इकाई के प्रमुख सीपी जोशी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा था. इस बीच, बुधवार (13 सितंबर) को कैलाश मेघवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस नोटिस का जवाब साझा करते हुए कहा कि अर्जुन राम पर लगे तमाम आरोपों को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि उन जैसे भ्रष्ट व्यक्ति को देश का कानून मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए. उनका जवाब मिलने के बाद पार्टी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता निरस्त कर दी.

भारत ने जी-20 सम्मेलन के लिए दिल्ली के सौंदर्यीकरण पर 4,000 करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, बीते 9-10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन पर खर्च को लेकर, विशेषकर राजधानी के सौंदर्यीकरण को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा कुल व्यय का विवरण साझा किया. हालांकि, अतीत में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले अन्य देशों के खर्च पर नजर डालने से पता चलता है कि भारत का खर्च पिछले मेजबान राष्ट्रों की तुलना में अधिक है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडोनेशिया ने 2022 में बाली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन पर 674 बिलियन इंडोनेशियाई रुपये (लगभग 364 करोड़ भारतीय रुपये) खर्च किए थे. इससे पहले 2018 के जी-20 शिखर सम्मेलन में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में 112 मिलियन अमेरिकी डॉलर, 2017 में जर्मनी के हैम्बर्ग में हुए सम्मेलन में 72.2 मिलियन यूरो, 2016 में चीन के हांगझोऊ के सम्मेलन पर करीब 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च हुए थे.

कर्नाटक में आज तक चैनल के एंकर और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, बेंगलुरु पुलिस ने बुधवार को कहा कि एक सरकारी सब्सिडी कार्यक्रम के संबंध में भ्रामक जानकारी प्रसारित करने के आरोप में कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम (केएमडीसी) के असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटर शिवकुमार की शिकायत पर शेषाद्रिपुरम थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि चौधरी ने अपने शो में आरोप लगाया कि कर्नाटक में केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों को सब्सिडी दी जा रही है, हिंदुओं को नहीं और इस योजना से राज्य के गरीब हिंदुओं के साथ अन्याय हुआ है.’ केएमडीसी ने कहा है कि चैनल ने तोड़-मरोड़कर तथ्य पेश किए हैं और राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश की है.

उत्तर अफ्रीकी देश लीबिया में दो बांध टूटने से 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रविवार (10 सितंबर) की रात आए एक शक्तिशाली तूफान के कारण तटीय शहर डर्ना के पास यह बांध टूटे हैं. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बांधों के टूटने से शहर का अधिकांश हिस्सा नष्ट हो गया और पूरा इलाका समंदर में समा गया है. पूर्वी लीबिया की देखरेख करने वाली सरकार के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि अकेले डर्ना शहर में कम से कम 5,200 लोग मारे गए. इसके अलावा बाढ़ के पानी ने शाहहाट, अल-बायदा और मर्ज सहित अन्य पूर्वी बस्तियों को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिससे कम से कम 20,000 लोग विस्थापित हुए हैं. रॉयटर्स के अनुसार, मृतकों  की संख्या दोगुनी भी हो सकती है. डर्ना के मेयर अब्दुलमेनम अल-ग़ैथी ने अल-अरबिया टेलीविजन को बताया कि बाढ़ से नष्ट हुईं इमारतों की संख्या के आधार पर शहर में मौतों की अनुमानित संख्या 18,000 से 20,000 तक पहुंच सकती है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को केंद्र से 10 करोड़ की सब्सिडी मिलने का आरोप लगा है. पिछले हफ्ते असमिया समाचार वेबसाइट क्रॉसकरेंट ने बताया था कि मीडिया कंपनी ‘प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ का स्वामित्व शर्मा के परिवार- उनकी पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा, उनकी मां मृणालिनी देवी, उनके बेटे नंदिल बिस्वा शर्मा और उनकी बेटी सुकन्या शर्मा के पास है. 10 नवंबर 2022 को इसकी एक खाद्य प्रसंस्करण परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की गई थी. मुख्यमंत्री ने इससे इनकार किया था, लेकिन मामले ने तब तूल पकड़ लिया, जब कांग्रेस ने इस सब्सिडी से संबंधित आधिकारिक दस्तावेज़ पेश किए. प्राइड ईस्ट पूर्वोत्तर के शीर्ष मीडिया घरानों में से एक है और दो टीवी न्यूज़ चैनल, एक अख़बार, एक वेबसाइट और तीन मनोरंजन चैनल चलाती है.

केरल के कोझिकोड जिले में में निपाह वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर पांच हो गई.  इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोझिकोड के 11 वार्डों को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया है कि निपाह वायरस के पुष्ट किए गए मामलों की संपर्क सूची में शामिल 789 व्यक्तियों की पहचान की गई है, उनमें से 77 व्यक्ति उच्च जोखिम श्रेणी में हैं. 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता कम जोखिम वाली श्रेणी में हैं. सरकार ने संक्रमण के मद्देनज़र सभी शैक्षिक संस्थानों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को अवकाश घोषित किया है. सरकार ने कोझिकोड जिले में अगले 10 दिनों के लिए सामाजिक दूरी (Social Distancing) लागू करते हुए कहा कि जिले में सभी सार्वजनिक समारोह रद्द कर दिए जाएंगे और सामाजिक समारोहों को केवल सीमित भागीदारी और पुलिस की पूर्व अनुमति के साथ ही होने दिया जाएगा. 2018 में देश में पहली बार कोझिकोड जिले में ही निपाह वायरस का प्रकोप सामने आया था. तब एक महीने के भीतर कुल 17 मौतें हुई थीं.