गृह मंत्रालय ने ‘बाल रक्षा भारत’ और दो अन्य ग़ैर-सरकारी संगठनों का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किया

केंद्र सरकार ने जिन तीन ग़ैर-सरकारी संगठनों के एफसीआरए लाइसेंस कैंसिल किए है, उनमें ‘सेव द चिल्ड्रेन​’ की भारतीय इकाई ‘बाल रक्षा भारत’, ​‘श्रीनिवास मलिआह मेमोरियल थियेटर क्राफ्ट म्यूजियम​’ और सेवा (SEWA) नाम के एनजीओ शामिल हैं. ये संगठन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियों में शामिल हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केंद्र सरकार ने जिन तीन ग़ैर-सरकारी संगठनों के एफसीआरए लाइसेंस कैंसिल किए है, उनमें ‘सेव द चिल्ड्रेन​’ की भारतीय इकाई ‘बाल रक्षा भारत’, ​‘श्रीनिवास मलिआह मेमोरियल थियेटर क्राफ्ट म्यूजियम​’ और सेवा (SEWA) नाम के एनजीओ शामिल हैं. ये संगठन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियों में शामिल हैं.

 

नई दिल्ली: गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस के नवीनीकरण की 30 सितंबर की समयसीमा से पहले सरकार ने ऐसे तीन संगठनों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने ​‘सेव द चिल्ड्रेन​’, ​‘श्रीनिवास मलिआह मेमोरियल थियेटर क्राफ्ट म्यूजियम​’ और सेवा (SEWA) नाम के एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. ये संगठन उत्तर पूर्वी दिल्ली में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियों में शामिल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन स्थित एनजीओ ​‘सेव द चिल्ड्रेन​’ की भारत इकाई ‘बाल रक्षा भारत’ का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.

इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि ‘सेव द चिल्ड्रेन​’ ने मार्च में दायर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा किया था कि उसे वर्ष 2021-22 के लिए अपने बैंक खातों में 163.18 करोड़ रुपये और 66.66 लाख रुपये का योगदान मिला है. यह बाल अधिकार समूह भारत के 16 राज्यों में संचालित होता है. संगठन के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने बिजनेस डेली को अपना एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने की पुष्टि की, लेकिन अधिक विवरण नहीं दिया.

अपना एफसीआरए लाइसेंस खोने वाला दूसरा एनजीओ, ‘श्रीनिवास मलिआह मेमोरियल थियेटर क्राफ्ट म्यूजियम​’ एक स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ उल्लाल श्रीनिवास मलिआह की याद में स्थापित किया गया था. यह कठपुतली बनाना, मुखौटा बनाना, बांस शिल्प, कागज की आकृतियां, खिलौने, कढ़ाई, सिलाई और सुई के काम सहित पारंपरिक हस्तशिल्प में प्रशिक्षण प्रदान करने का काम करता है.

सितंबर 2020 में पेश किए गए एफसीआरए कानून में संशोधन के बाद एफसीआरए लाइसेंस रखने वाले गैर-सरकारी संगठनों को लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन करना आवश्यक है, जिसकी समयसीमा 30 सितंबर, 2023 तक बढ़ा दी गई है.

कुछ प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों ने इस विस्तार अवधि के दौरान अपने एफसीआरए लाइसेंस नवीनीकृत किए थे.

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में भारत में एफसीआरए लाइसेंस वाले 16,497 सक्रिय एनजीओ हैं और 348 ट्रस्टों को 2023 में नए पंजीकरण प्राप्त हुए हैं.

मंत्रालय गैर-सरकारी संगठनों को पांच साल के लिए एफसीआरए लाइसेंस देता है. यह वार्षिक रिटर्न और उनके इच्छित उद्देश्यों के लिए प्राप्त विदेशी अनुदान के आधार पर आवेदनों का मूल्यांकन करता है. एनजीओ द्वारा विदेशी फंड का कोई भी दुरुपयोग या डायवर्जन एफसीआरए अधिनियम का उल्लंघन माना जाता है.

इससे पहले मंत्रालय ने फंड डायवर्जन का हवाला देते हुए वाईडब्ल्यूसीए दिल्ली का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया था. 1912 में स्थापित यह एनजीओ पूरी दिल्ली में कई कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संचालित करता है.

बीते जुलाई महीने में सद्भावना ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस सरकार ने रद्द कर दिया था. दिल्ली स्थित यह एनजीओ दलित और मुस्लिम महिलाओं के लिए काम करने में सक्रिय है.

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