द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण देने वाले ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को समर्थन देते हुए कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि विधेयक को फ़ौरन अमल में लाया जाना चाहिए. लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि यह उनके लिए मार्मिक क्षण है क्योंकि स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का संशोधन उनके जीवनसाथी (राजीव गांधी) लाए थे. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, जो बिल के पारित होने के साथ पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है लेकिन महिलाओं को इसके लिए और इंतज़ार नहीं करवाना चाहिए और विधेयक को फ़ौरन लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की मांग है कि इसके साथ ही जातीय जनगणना करवाकर अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी समुदायों से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाए.
कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की भूमिका होने के दावे के बाद भारत ने वहां जाने और रहने वाले भारतीय नागरिकों को ‘सतर्कता बरतने’ की एडवाइजरी जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची द्वारा ट्विटर पर साझा की गई एडवाइजरी में कहा गया है, ‘हाल के दिनों में भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के उन लोगों को निशाना बनाते हुए धमकियां दी गई हैं, जो भारत-विरोधी एजेंडा का विरोध करते हैं. इन हालात में भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि कनाडा के उन इलाकों और संभावित जगहों पर जाने से बचें, जहां इस तरह की घटनाएं देखने को मिली हैं.’ इसमें यह भी कहा गया है कि कनाडा में ‘भारत-विरोधी गतिविधियों, राजनीतिक रूप से समर्थित हेट क्राइम और आपराधिक हिंसा में वृद्धि के मद्देनजर कनाडा में रहने वाले या वहां की यात्रा करने जा रहे सभी भारतीय नागरिकों से आग्रह है कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें.’
चंद्रयान-3 से जुड़े हिस्से बनाने वाले हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन के इंजीनियरों को 18 महीने से वेतन न मिलने की खबर सामने आई है. द टेलीग्राफ के मुताबिक, रांची स्थित सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी (पीएसयू) हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन के इंजीनियरों सहित 100 से अधिक कर्मचारी वेतन न मिलने के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. कॉरपोरेशन के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने दावा किया कि उन्होंने इसरो के दूसरे लॉन्चिंग पैड के कई हिस्सों का निर्माण किया है, जिसका इस्तेमाल चंद्रयान-3 के लिए किया गया था.
हैदराबाद पुलिस द्वारा बीते दिनों कई कैफ़े और रेस्त्रां में आम नागरिकों की औचक तलाशी लिए जाने की घटना को वकीलों ने ‘गैर-क़ानूनी’ बताया है. द वायर के लिए बालकृष्ण गणेशन की रिपोर्ट बताती है कि हैदराबाद की संतोष नगर पुलिस ने 16 सितंबर को व्यापक तलाशी अभियान चलाया और इसके क्षेत्राधिकार में आने वाले कैफ़े/रेस्टोरेंट में 200 से अधिक ग्राहकों की तलाशी ली. पुलिसकर्मियों ने इसे ‘निवारक उपाय’ बताते हुए ग्राहकों की जेबें और बटुए जांचे. घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था. संतोष नगर थाने के एसएचओ ने द न्यूज़ मिनट को बताया कि उन्होंने गांजा या हथियार रखने के शक में तलाशी ली थी लेकिन इस कवायद में ऐसा कुछ नहीं मिला. हालांकि, वकील और मानवाधिकार मंच एचआरएफ के अध्यक्ष जी. माधव राव का कहना है कि पुलिस की यह मनमानी कार्रवाई गैर-क़ानूनी थी. अगर उन्हें किसी अवैध चीज के होने का शक था तो तलाशी के दौरान कोई गजेटेड अधिकारी मौजूद रहता.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर के बेटे ने कहा है कि भारत सरकार पर हमेशा से शक़ था. रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के सार्वजनिक प्रसारक सीबीसी के अनुसार, बलराज सिंह निज्जर ने कहा कि उन्हें यह सुनकर ‘राहत मिली’ जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया कि भारत सरकार उनके पिता की हत्या में शामिल थी. बलराज अपने पिता की हत्या के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ समय की बात है कि कब सच सामने आएगा… जब हमने आज खबर सुनी तो राहत महसूस हुई कि आखिरकार यह सब लोगों के सामने आ रहा है.’ उन्होंने कनाडा सरकार से इस पर आगे बढ़कर कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए कहा कि वह उन व्यक्तियों की पहचान करे जो इसमें शामिल हो सकते हैं और उन्हें सजा दे.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सांसदों की दी गई संविधान प्रति की प्रस्तावना में ‘सोशलिस्ट और सेकुलर’ शब्द नहीं था. चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि नए संसद भवन में पहली बैठक के अवसर पर सभी सांसदों को भारतीय संविधान की प्रति वितरित की गई थीं. ‘‘हमें जो संविधान की प्रति दी गई उसमें समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द नहीं थे. वे (सरकार) कह सकते हैं कि यह पुराना संस्करण है लेकिन उन्हें संशोधित संस्करण भी शामिल करना चाहिए था. वे कह सकते हैं कि उन्होंने हमें मूल संस्करण दिया है. लेकिन मुझे लगता है कि यह जानबूझकर किया गया है.’ उन्होंने जोड़ा कि ये शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं, तो यह चिंता का विषय है… उनकी मंशा संदिग्ध है.