उत्तराखंड राज्य आपातकालीन नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक़, अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा के दौरान अब तक सर्वाधिक 96 मौतें केदारनाथ मार्ग पर हुईं. इसके बाद यमुनोत्री में 34, बद्रीनाथ में 33, गंगोत्री में 29, हेमकुंड साहिब में 7 और गोमुख में 1 मौत हुई हैं.
नई दिल्ली: उत्तराखंड राज्य आपातकालीन नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल चल रही चारधाम यात्रा के दौरान अब तक दो सौ तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, ये मौतें मुख्यतः स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों और बड़े पत्थरों के गिरने से हुए हादसों के कारण हुईं. आंकड़ों के मुताबिक, सर्वाधिक 96 मौतें केदारनाथ मार्ग पर हुईं, इसके बाद यमुनोत्री में 34, बद्रीनाथ में 33, गंगोत्री में 29, हेमकुंड साहिब में 7 और गोमुख में 1 मौत हुई.
बताया गया है कि इस साल चारधाम तीर्थयात्रियों की संख्या 4.19 मिलियन का आंकड़ा पार कर गई है. चारधाम यात्रा 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई, इसके बाद 25 और 27 अप्रैल को क्रमशः केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले थे.
स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों और दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है. अधिकारियों के मुताबिक, पिछले साल 11 सितंबर तक 232 तीर्थयात्रियों की मौत हुई, जिनमें केदारनाथ में 111, बद्रीनाथ में 58, हेमकुंड साहिब में 4, गंगोत्री में 15 और यमुनोत्री में 44 तीर्थयात्रियों की मौत हुई. पिछले वर्ष की पूरी यात्रा अवधि के दौरान 300 से अधिक तीर्थयात्रियों ने जान गंवाई थी.
बद्रीनाथ चमोली जिले में आता है. यहां के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा कहते हैं, ‘इस साल चार धामों, खासकर चमोली जिले में स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के कारण होने वाली मौतों को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए गए थे, जिसके चलते पिछले वर्ष की तुलना में इसी अवधि में हुई तीर्थयात्रियों की मृत्यु की संख्या में कमी आई है.’
केदारनाथ रुद्रप्रयाग जिले के अंतर्गत आता है. यहां के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मर्तोलिया ने कहा, ‘स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा सीजन के लिए स्थापित ओपीडी केंद्रों के माध्यम से केदारनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को तुरंत स्वास्थ्य जांच कर रहा है और उपचार दे रहा है. अब तक 2,05,748 श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है और 8,010 से अधिक तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन सुविधा दी गई है.’
स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी कहा कि कुछ तीर्थयात्री अपनी मेडिकल हिस्ट्री छिपाते हैं, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बड़ी चुनौती पैदा होती है.