अब एफसीआरए पंजीकृत एनजीओ को विदेशी धन से बनाई गई संपत्ति का ब्योरा देना होगा

गृह मंत्रालय ने विदेशी धन प्राप्त करने और उसका उपयोग करने वाले एनजीओ की निगरानी की प्रक्रिया कड़ी कर दी है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में एनजीओ को 55,449 करोड़ रुपये का विदेशी योगदान मिला है. कुल मिलाकर अब तक 20,693 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गृह मंत्रालय ने विदेशी धन प्राप्त करने और उसका उपयोग करने वाले एनजीओ की निगरानी की प्रक्रिया कड़ी कर दी है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में एनजीओ को 55,449 करोड़ रुपये का विदेशी योगदान मिला है. कुल मिलाकर अब तक 20,693 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार (25 सितंबर) को एक राजपत्रित अधिसूचना जारी कर विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) नियमों में संशोधन किया है. नए नियमों के तहत एफसीआरए लाइसेंस वाले एनजीओ के लिए विदेशी योगदान से बनाई गई चल और अचल संपत्तियों का विवरण जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिसूचना में निदेशक के. संजयन ने कहा, ‘एफसीआरए की धारा 48 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र नियम बनाता है; इन नियमों को विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन नियम, 2023 कहा जा सकता है और विदेशी अंशदान (विनियमन) नियम, 2011 में संशोधन करने के लिए ये नियम आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे.’

पिछले साल गृह मंत्रालय ने विदेशी फंडिंग नियमों में संशोधन कर कुछ राहतें दी थीं, जैसे कि रिश्तेदारों को एफसीआरए के तहत अधिक धन भेजने की अनुमति देना और ‘पंजीकरण’ या ‘पूर्व अनुमति’ श्रेणी के तहत प्राप्त धन के उपयोग के लिए बैंक खाते खोलने के बारे में सरकार को सूचित करने के लिए संगठनों को अधिक समय देना.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नए नियमों के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत (31 मार्च) तक एनजीओ के लिए संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य हो गया है. इसके अलावा विदेशी धन प्राप्त करने वाले सभी एनजीओ को अब एफसीआरए के तहत पंजीकृत होना होगा.

गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन नियम, 2010 के फॉर्म एफसी-4 में दो खंड जोड़कर बदलाव किए हैं. इन संशोधनों में (बीए) विदेशी धन से बनाई गई चल संपत्तियों का विवरण (वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक) और (बीबी) विदेशी धन के इस्तेमाल से बनाई गई अचल संपत्तियों का विवरण (वित्तीय वर्ष में 31 मार्च को) शामिल है.

फॉर्म एफसी-4 को वे सभी गैर-सरकारी संगठन और संघ भरते हैं, जिन्हें एफसीआरए लाइसेंस दिया जाता है, ताकि वे अपना वार्षिक लेखा-जोखा दाखिल कर सकें.

गृह मंत्रालय ने उन सभी संस्थाओं के एफसीआरए लाइसेंस की वैधता को 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया है, जिनके लाइसेंस 30 सितंबर को समाप्त हो रहे हैं या फिर उनका नवीनीकरण लंबित है.

यह जांचने के लिए कि क्या विदेशी फंडिंग नियमों का पालन किया जा रहा है, मंत्रालय ने एफसीआरए के तहत पंजीकृत 335 एनजीओ या जिन्हें 2019 और 2022 के बीच अधिनियम के तहत पूर्व अनुमति दी गई थी, का निरीक्षण या ऑडिट किया था.

गृह मंत्रालय ने विदेशी धन प्राप्त करने और उसका उपयोग करने वाले एनजीओ की निगरानी की प्रक्रिया कड़ी कर दी है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में एनजीओ को 55,449 करोड़ रुपये का विदेशी योगदान मिला.

इस साल 17 जुलाई तक देश में वैध एफसीआरए लाइसेंस वाले 16,301 एनजीओ थे. कानून के उल्लंघन के कारण पिछले पांच वर्षों में 6,600 से अधिक एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. कुल मिलाकर अब तक 20,693 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.