लखीमपुर हिंसा: आरोपी आशीष मिश्रा को बीमार मां और बेटी की देखभाल के लिए दिल्ली में रहने की अनुमति

केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर उन चार किसानों की हत्या का आरोप है, जो 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. आरोप है कि आशीष मिश्रा से संबंधित और कथित तौर पर उनके द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन ने प्रदर्शनकारी किसानों सहित अन्य को कुचल दिया था.

केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर हिंसा में किसानों को वाहन से कुचलने के मामले में मुख्य आरोपी है. (फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर उन चार किसानों की हत्या का आरोप है, जो 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. आरोप है कि आशीष मिश्रा से संबंधित और कथित तौर पर उनके द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन ने प्रदर्शनकारी किसानों सहित अन्य को कुचल दिया था.

केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर हिंसा में किसानों को वाहन से कुचलने के मामले में मुख्य आरोपी है. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार (26 सितंबर) को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर लगाई गईं जमानत शर्तों में ढील देते हुए उन्हें अपनी अस्वस्थ मां और बेटी की देखभाल के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में प्रवेश करने और रहने की अनुमति दे दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने आशीष के अनुरोध पर यह अनुमति दी. हालांकि, अदालत ने निर्देश दिया कि उन्हें दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए या विचाराधीन मामले के संबंध में मीडिया को संबोधित नहीं करना चाहिए.

बीते 25 जनवरी को उन्हें अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि वह उत्तर प्रदेश या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में नहीं रहेंगे. आदेश में कहा गया था, ‘याचिकाकर्ता, उसके परिवार या समर्थकों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों को प्रभावित करने या धमकी देने का कोई भी प्रयास किया गया तो अंतरिम जमानत रद्द कर दी जाएगी.’

मंगलवार को पीठ ने स्पष्ट किया कि मामले की सुनवाई में शामिल होने के अलावा उनके उत्तर प्रदेश में प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रहेगा.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आदेश तब पारित किया गया, जब आशीष मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने अदालत को बताया कि उनकी मां को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी बेटी को कुछ सर्जरी की जरूरत है.

जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी, जिसे बाद में संबंधित न्यायाधीश से मुकदमे की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करने के साथ बढ़ा दिया गया है.

अदालत ने अपने 25 जनवरी के आदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर की मौत से संबंधित अन्य एफआईआर में आरोपी चार कृषि कानून प्रदर्शनकारियों – गुरुविंदर सिंह, कमलजीत सिंह, गुरुप्रीत सिंह और विचित्र सिंह को भी अंतरिम जमानत दे दी थी.

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हुई हिंसा में तब आठ लोग मारे गए थे, जब किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे.

आरोप है कि इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ से संबंधित महिंद्रा थार सहित तीन एसयूवी के एक काफिले ने तिकोनिया क्रॉसिंग पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.

मामले में अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा और उसके दर्जन भर साथियों के खिलाफ चार किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार थे. घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या कर दी थी.