भारत-कनाडा के बीच विवाद पर तीन बड़े सवाल; क्या अकेला पड़ रहा है भारत?

वीडियो: भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. बीते 23 सितंबर के न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर में में दावा किया गया था कि कनाडा ने जिस खुफिया सूचना के आधार पर खालिस्तान नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है, वह उसे किसी और ने नहीं बल्कि अमेरिकी एजेंसियों ने उपलब्‍ध कराई थी.

वीडियो: भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. बीते 23 सितंबर के न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर में में दावा किया गया था कि कनाडा ने जिस खुफिया सूचना के आधार पर खालिस्तान नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है, वह उसे किसी और ने नहीं बल्कि अमेरिकी एजेंसियों ने उपलब्‍ध कराई थी.

अखबार ने पश्चिमी सहयोगी देशों के अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी है. अमेरिका ने पहले से ही भारत से कनाडा की जांच में सहयोग करने की अपील की है. भारत ने आधिकारिक तौर से कनाडा के आरोपों का खंडन किया है और इन आरोपों को झूठा कहा है, लेकिन जैसा न्यूयॉर्क टाइम्स के स्तंभकार निकालस क्रिस्टॉफ ने लिखा कि अगर भारत निज्जर की हत्या में अपनी भूमिका के बारे में झूठ बोलता हुआ पकड़ा गया, तो इससे उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को कहीं अधिक नुकसान होगा.

मालूम हो कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते 18 सितंबर को कनाडाई संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था.

उन्होंने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘स्पष्ट रूप से’ उठाया था.

खालिस्तान समर्थक संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की कनाडाई शाखा के प्रमुख 46 वर्षीय निज्जर भारत में वांछित था और इस साल 19 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

बहरहाल, कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों का भारत ने खंडन किया था. साथ ही दोनों देशों ने अपने राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.