कनाडा: भारत में वांछित खालिस्तान आतंकी संगठन प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या

पंजाब में जालंधर का रहने वाला 46 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर सक्रिय रूप से खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और वित्तपोषण में शामिल था. वह भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक था. उसने कनाडा के ब्रैम्पटन में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

हरदीप सिंह निज्जर. (फोटो साभार: ट्विटर/@BCSikhs)

पंजाब में जालंधर का रहने वाला 46 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर सक्रिय रूप से खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और वित्तपोषण में शामिल था. वह भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक था. उसने कनाडा के ब्रैम्पटन में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

हरदीप सिंह निज्जर. (फोटो साभार: ट्विटर/@BCSikhs)

नई दिल्ली: भारत में सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक, खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की रविवार (18 जून) रात कनाडा के एक गुरुद्वारा परिसर में दो अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, निज्जर को रात करीब 8:30 बजे सरे (Surrey) स्थित गुरु नानक गुरुद्वारा साहिब की पार्किंग में गोली मारी गई थी. वह इस गुरुद्वारे के अध्यक्ष थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दो बंदूकधारी उन पर फायरिंग करने के बाद फरार हो गए.

केंद्र सरकार के अनुसार, जालंधर के भरसिंह पुरा गांव का रहने वाला 46 वर्षीय निज्जर सक्रिय रूप से खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और वित्तपोषण में शामिल था.

वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज एक मामले में भी आरोपी था.

प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के साथ निकटता से जुड़े निज्जर ने कनाडा के ब्रैम्पटन में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी. उसने इस साल की शुरुआत में एसएफजे के जनमत संग्रह अभियान के लिए ऑस्ट्रेलिया की यात्रा भी की थी.

रिपोर्ट के अनुसार, निज्जर भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक था. पिछले साल जुलाई में एनआईए ने जालंधर में 2021 में एक हिंदू पुजारी पर हुए हमले के सिलसिले में उसकी गिरफ्तारी की सूचना पर 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी.

जांच के दौरान यह पता चला कि निज्जर ने भड़काऊ बयान दिए थे, आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की थी और नफरत भरे भाषणों के माध्यम से ‘विद्रोह फैलाने’ के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तस्वीरें और वीडियो साझा किए थे.

एनआईए के एक दस्तावेज में कहा गया है, ‘अपराध साबित करने वाले सबूत इकट्ठा किए जाने से साबित होता है कि वह राजद्रोह और विद्रोह के आरोपों को बढ़ावा देने में शामिल है और भारत में विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने का भी प्रयास कर रहा है.’

उसका नाम पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को 2018 में उनकी भारत यात्रा के दौरान सौंपी गई वांछित आतंकवादियों की सूची में भी शामिल था.

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने पाकिस्तान में खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की हत्या के बाद एक कनाडाई रेडियो चैनल से बात करते हुए निज्जर ने दावा किया था, ‘मेरे पास जानकारी है कि मेरे नाम के साथ एक सूची तैयार की गई है.’

उसे अपने भाषणों में भी ऐसा दावा करते सुना गया था.

दल खालसा के कंवर पाल सिंह ने कहा, ‘निज्जर ने खुद को गोली मारने से ठीक पहले गुरुद्वारे में भाषण दिया था. उस भाषण में उसने कहा था कि कोई भी दिन उसका आखिरी दिन हो सकता है. वह पिछले कुछ समय से हर मंच पर यह बात कह रहा था.’

निज्जर 1997 में कनाडा चला गया था और वहां प्लंबर के रूप में काम करता था. वह पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज कई मामलों में भी आरोपी है, जिसके कारण उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था.

2020 में पंजाब सरकार के एक आदेश के अनुसार, निज्जर की कुल 11 कनाल और 13.5 मरला भूमि जालंधर जिले के फिल्लौर उपमंडल में उसके गांव भरसिंह पुरा में जब्त की गई थी.