वीडियो: पिछले कुछ समय से टीबी रोग के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की कमी संबंधी ख़बरें लगातार सामने आ रही हैं. इस रोग से जूझ रहे मरीज़ों के परिजनों का कहना है कि किल्लत के चलते दवाएं प्राप्त करने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, केंद्र सरकार का दावा है कि दवाओं के किल्लत की ख़बरें भ्रामक हैं.
मालूम हो कि अगर कोई एक देश है, जहां विश्व के सबसे अधिक टीबी के मरीज़ पाए जाते हैं तो वह भारत है. इसी प्रकार ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी मरीज़ भी भारत में ही सबसे अधिक हैं. यह वैसे टीबी के गंभीर मरीज़ हैं, जिन पर प्रथम श्रेणी की दवाएं काम नहीं करती और इन्हें एडवांस्ड लेवल कि दवा देनी पड़ती है.
पिछले कई महीनों से लगभग पूरे भारत में इन दवाओं की भारी किल्लत चल रही है. मरीज़ और उनके तीमारदार दर-ब-दर भटक रहे हैं और यह सोचकर बेचैन हैं कि दवा न लेने से उनके मरीज़ों पे क्या असर पड़ेगा. इस मुद्दे को गहराई से समझने के लिए द वायर ने देश के विभिन्न राज्यों के मरीज़ों, सामाजिक संगठनों स्टेट टीबी ऑफ़िसर्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों से भी बात की.