नांदेड़ अस्पताल मौत: विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की; कहा- ये लापरवाही के कारण हत्या है

महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में चौबीस घंटों में 24 लोगों की मौत को लेकर विपक्षी नेताओं ने एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा ​है. उन्होंने कहा कि यह घटना सरकारी प्रणालियों की विफलता को उजागर करती है. इन नेताओं ने भविष्य में मरीज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.

राहुल गांधी, प्रियंका चतुर्वेदी और शरद पवार(फोटो साभार: आईएनसी कांग्रेस/फेसबुक)

महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में चौबीस घंटों में 24 लोगों की मौत को लेकर विपक्षी नेताओं ने एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा ​है. उन्होंने कहा कि यह घटना सरकारी प्रणालियों की विफलता को उजागर करती है. इन नेताओं ने भविष्य में मरीज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.

राहुल गांधी, प्रियंका चतुर्वेदी और शरद पवार(फोटो साभार: आईएनसी कांग्रेस/फेसबुक)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटों के भीतर 24 लोगों की मौत पर शरद पवार और राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला बोला है. वहीं शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने इस घटना को ‘पूर्ण लापरवाही के कारण हत्या’ करार दिया.

नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से पिछले 24 घंटों में 12 शिशुओं सहित 24 मौतें हुई हैं. सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. बताया जा रहा है कि अस्पताल में दवाओं की कथित कमी के कारण यह घटना हुई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा को बताया कि घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार ने कहा कि यह घटना सरकारी प्रणालियों की विफलता को उजागर करती है. उन्होंने भविष्य में मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रतिक्रिया का आह्वान किया है.

पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सचमुच चौंकाने वाली है.’

ठाणे के एक अस्पताल में हुई ऐसी ही एक घटना को याद करते हुए पवार ने कहा, ‘अभी दो महीने पहले एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जहां ठाणे नगर निगम के कलवा अस्पताल में एक ही रात में 18 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना को गंभीरता से न लेने के कारण नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में ऐसी गंभीर घटना का दोहराव हुआ. यह सरकारी तंत्र की विफलता को दर्शाता है.’

एनसीपी ने मासूम मरीजों की जान बचाने की जरूरत पर जोर देते हुए शिंदे सरकार से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने का भी आग्रह किया.

पवार ने कहा, ‘कम से कम इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि ये घटनाएं दोबारा न हों और निर्दोष मरीजों की जान बचाई जा सके.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मौत की खबर बेहद दुखद है. उन्होंने सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा सरकार अपने प्रचार-प्रसार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन बच्चों की दवा के लिए पैसा नहीं है? भाजपा की नजर में गरीबों की जान की कोई कीमत नहीं है.’

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मोदी से इस घटना पर अपनी ‘चुप्पी’ तोड़ने को कहा. एक्स पर एक पोस्ट में प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र से दवाओं की कमी के कारण 12 शिशुओं सहित 24 मरीजों की मौत की दुखद खबर मिली.

उन्होंने कहा, ‘भगवान दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए.’

एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस ने कहा कि यह बेहद गंभीर मुद्दा है. इसमें कहा गया, ‘मृतकों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं. भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दे.’

कांग्रेस ने कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए. सरकार को प्रचार से ज्यादा जमीन पर काम करने की जरूरत है.

वहीं, शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने इन मौतों को हत्या करार दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यह शर्मनाक है, कृपया इन्हें मौत न कहें, यह असंवैधानिक राज्य सरकार की ओर से पूर्ण लापरवाही के कारण हत्या है. वे प्रभावशाली कार्यक्रमों या विदेशी यात्राओं की योजना बनाने में इतने व्यस्त हैं कि वे भूल गए हैं कि उनका मूल काम राज्य की सेवा करना है.’

उन्होंने अन्य ट्वीट में कहा, ‘मौतें या हत्याएं? 13 अगस्त- ठाणे में नगर निगम संचालित कलवा अस्पताल में 18 मौतें, अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं. 30 सितंबर-1 अक्टूबर नांदेड़ सिविल अस्पताल में 12 शिशुओं सहित 24 की मौत. 2 अक्टूबर- छत्रपति संभाजी नगर के घाटी अस्पताल में 2 बच्चों समेत 10 की मौत.’

इस मुद्दे पर बोलते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि शिंदे सरकार को प्राथमिकता के आधार पर नांदेड़ अस्पताल के लिए चिकित्सा कर्मचारियों के साथ-साथ धन की व्यवस्था करनी चाहिए.

चव्हाण ने कहा कि अस्पताल में 500 बिस्तर हैं, लेकिन वर्तमान में लगभग 1,200 मरीज भर्ती हैं.

कलेक्टरेट के बयान में कहा गया है कि अस्पताल को इस साल की जिला योजना विकास समिति (डीपीडीसी) में 12 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है, जबकि राज्य सरकार ने 4 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि भी मंजूर की है.

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि डीन ने यह भी कहा है कि कुछ नर्सों के स्थानांतरण के बाद पद खाली रह गए हैं, जबकि चिकित्सा अधिकारियों की भी कमी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार की आलोचना करते हुए शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के इस्तीफे की मांग की है.

उन्होंने कहा, ‘कुछ महीने पहले इसी तरह की घटना कलवा के सरकारी अस्पताल में हुई थी. इससे पता चलता है कि महाराष्ट्र में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा कैसा हो गया है या सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य विभाग की किस तरह उपेक्षा की है. इन सबके बावजूद सरकार अभी भी त्योहार आयोजित करने में व्यस्त है.’

वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रवक्ता फारूक अहमद ने कहा, ‘दवा की कमी और लापरवाही के कारण 24 लोगों की जान जाना गंभीर मामला है. जवाबदेही सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गहन जांच की जानी चाहिए. राज्य सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए.’