ओडिशा के कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने घोषणा की है कि वह अपने सभी आईसीयू के अंदर ‘आध्यात्मिक भजन’ बजाएगा. अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, गंभीर मरीज़ों के लिए धीमी आवाज़ वाला इंस्ट्रूमेंटल भजन काफी कारगर रहेगा.
नई दिल्ली: मरीजों के इलाज में चिकित्सकीय रूप से प्रशिक्षित डॉक्टरों की सहायता के लिए ओडिशा के कटक शहर स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने घोषणा की है कि वह अपनी सभी गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) के अंदर ‘आध्यात्मिक भजन’ बजाएगा.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एससीबी अस्पताल के अधिकारियों ने मरीजों को संगीत चिकित्सा और आराम प्रदान करने के लिए आईसीयू में आध्यात्मिक भजन बजाने की सिफारिश की है. एससीबी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, गंभीर रोगियों के लिए भक्ति गीतों के इंस्ट्रूमेंटर संस्करण ‘बहुत प्रभावी’ होंगे.
बुधवार (4 अक्टूबर) को अस्पताल की स्वास्थ्य विकास समिति की बैठक में चिकित्सा अधिकारियों ने इसके सकारात्मक और आध्यात्मिक माहौल के जरिये मरीजों की रिकवरी में तेजी लाने की क्षमता को पहचानते हुए संगीत चिकित्सा प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
स्थानीय मीडिया समाचार ओटीवी के हवाले से अस्पताल के कुलपति डॉ. अविनाश राउत ने कहा, ‘अगर हम आईसीयू के अंदर कुछ इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक बजा सकते हैं, तो सुखद ध्वनि का इलाज पर प्रभाव पड़ेगा. प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने के बाद हमने अस्पताल के सभी आईसीयू के अंदर इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक बजाने का निर्णय लिया है. इसे जल्द ही लागू किया जाएगा. सरकारी प्रक्रिया के अनुसार, हम जल्द ही इस संबंध में एक निविदा जारी करेंगे.’
रिपोर्ट के अनुसार, अस्पतालों में संगीत चिकित्सा असामान्य नहीं है. साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के दौरान गुजरात के वडोदरा में सर सयाजीराव जनरल (एसएसजी) अस्पताल में मरीजों के इलाज के हिस्से के रूप में संगीत और लाफ्टर (हंसी) थेरेपी शुरू की गई थी.