अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकंप से 2400 से अधिक लोगों की मौत, 2000 से अधिक घायल

अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार के आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,445 हो गई है, लेकिन उन्होंने घायलों की संख्या को संशोधित कर ‘2,000 से अधिक’ कर दिया है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि 9,240 लोग घायल हुए हैं.

अफगानिस्तान में भूकंप के झटके बीते 7 अक्टूबर की सुबह आए और ज्यादातर देश के पश्चिमी क्षेत्र में केंद्रित थे. (फोटो साभार: एक्स/@rashidkhan_19)

अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार के आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,445 हो गई है, लेकिन उन्होंने घायलों की संख्या को संशोधित कर ‘2,000 से अधिक’ कर दिया है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि 9,240 लोग घायल हुए हैं.

अफगानिस्तान में भूकंप के झटके बीते 7 अक्टूबर की सुबह आए और ज्यादातर देश के पश्चिमी क्षेत्र में केंद्रित थे. (फोटो साभार: एक्स/@rashidkhan_19)

नई दिल्ली: तालिबान प्रशासन ने रविवार (8 अक्टूबर) को कहा कि अफगानिस्तान में आए भूकंप के कारण 2,400 से अधिक लोग मारे गए, जो पिछले कुछ वर्षों में भूकंप के प्रति संवेदनशील इस पहाड़ी देश में आए सबसे घातक झटके हैं.

भूकंप के झटके शनिवार (7 अक्टूबर) सुबह आए और ज्यादातर देश के पश्चिमी क्षेत्र में केंद्रित थे, जिनमें से अधिकांश पड़ोसी ईरान में महसूस किए गए. यह भूकंप अफगानिस्तान में पिछले कुछ दशकों में आए सबसे भीषण भूकंपों में से एक है.

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने कहा कि भूकंप – जिनमें से एक की तीव्रता 6.3 मापी गई – हेरात शहर से लगभग 35 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में आया, जिससे शहर में दहशत फैल गई.

आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता जनन सईक ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,445 हो गई है, लेकिन उन्होंने घायलों की संख्या को संशोधित कर ‘2,000 से अधिक’ कर दिया है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि 9,240 लोग घायल हुए हैं.

सईक ने यह भी कहा कि 1,320 घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 10 बचाव दल ईरान की सीमा से लगे इलाके में तैनात हैं.

हेरात स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी डॉ. दानिश ने कहा कि 200 से अधिक मृतकों को विभिन्न अस्पतालों में लाया गया था. उनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे.

सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों से पता चलता है कि हेरात की मध्यकालीन मीनारों को कुछ क्षति हुई है, जिनमें दरारें दिखाई दे रही हैं और टाइलें गिर गई हैं.

समाचार वेबसाइट डीडब्ल्यू ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू) के हवाले से बताया , हेरात प्रांत के कई गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए, जिनमें कम से कम 600 घर भी शामिल हैं. सैकड़ों नागरिक मलबे में दब गए हैं, तालिबान सरकार ने तत्काल मदद की मांग की है.

तालिबान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘हम अपने अमीर हमवतन लोगों से हमारे पीड़ित भाइयों को हरसंभव सहयोग और मदद देने के लिए आग्रह करते हैं.’

अधिकारियों को हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बीते फरवरी माह में तुर्की और सीरिया में आए भूकंपों में अनुमानित 50,000 लोगों की मौत के बाद ये झटके इस साल दुनिया के सबसे घातक भूकंपों में से एक थे.

पहाड़ों से घिरे अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है, जिनमें से कई भूकंप पाकिस्तान की सीमा से लगे बीहड़ हिंदूकुश क्षेत्र में आए हैं.

मरने वालों की संख्या अक्सर तब बढ़ जाती है, जब देश के दूरदराज के हिस्सों से सूचनाएं आती हैं, जहां दशकों के युद्ध के कारण बुनियादी ढांचा जर्जर हो गया है और राहत एवं बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो जाता है.

अफगानिस्तान की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, जो लगभग पूरी तरह से विदेशी सहायता पर निर्भर है, को तालिबान के सत्ता में आने के बाद से दो वर्षों में गंभीर कटौती का सामना करना पड़ा है और कई अंतरराष्ट्रीय सहायता, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी, रोक दी गई है.

राजनयिकों और सहायता अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं पर तालिबान के प्रतिबंधों और प्रतिस्पर्धी वैश्विक मानवीय संकटों की चिंताओं के कारण दानदाता वित्तीय सहायता से पीछे हट रहे हैं. तालिबान सरकार ने अधिकांश अफगान महिला सहायता कर्मचारियों को काम न करने का आदेश दिया है, हालांकि स्वास्थ्य और शिक्षा में छूट दी गई है.

बीते अगस्त माह में इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के एक प्रवक्ता ने कहा था कि फंड की कमी के कारण वह 25 अफगान अस्पतालों के लिए अपनी वित्तीय सहायता समाप्त कर सकती है.

मालूम हो कि इससे पहले साल 2022 में विनाशकारी भूकंप में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे. दशकों के संघर्ष के कारण देश में खराब इमारतें रह गई हैं, जिससे यह आपदाओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो गया है.