द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को हुई विस्तृत चर्चा के बाद सर्वसम्मति से जातिगत जनगणना के समर्थन में निर्णय लिया है. द हिंदू के अनुसार, बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह राजनीति नहीं सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के बारे में है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री अपने राज्यों में जाति आधारित गणना का काम कराएंगे. उन्होंने यह भी जैसा कि वे भाजपा पर भी इसके लिए जोर डालेंगे और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो ‘उन्हें पीछे हट जाना चाहिए’ क्योंकि देश जातिगत जनगणना चाहता है. उन्होंने यह भी बताया की विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दल इसके समर्थन में हैं.
इजरायल में फिलिस्तीन के हमास समूह के हमले के बाद छिड़े युद्ध में अब इजरायल के रक्षामंत्री ने ऐलान किया है कि गाजा पट्टी की पूर्ण घेराबंदी के आदेश दिए हैं और बिजली, खाना-पानी सहित जरूरी सप्लाई बंद कर दी गई हैं. एएफपी के अनुसार, इजरायल में अब तक 1,000 से अधिक मौतें हो चुकी है और दो हज़ार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायली सेना द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के तहत हुए हवाई हमलों में गाजा पट्टी में भी कम से कम 493 लोगों के मारे जाने की खबर है.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है. आयोग ने बताया कि मतदान 7 नवंबर से शुरू होगा. छत्तीसगढ़ में मतदान दो चरणों- 7 और 17 नवंबर को होगा, जबकि मिज़ोरम में 7 नवंबर, मध्य प्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 23 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होना है. सभी राज्यों के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इन पांच राज्यों में 679 विधानसभा क्षेत्र हैं, जो देश के कुल विधानसभा क्षेत्रों का लगभग छठा हिस्सा है. यहां कुल 16 करोड़ मतदाता हैं, जो देश के कुल मतदाताओं का लगभग छठा हिस्सा है.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद करगिल में हुए पहले चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने जीत दर्ज की है. रिपोर्ट के अनुसार, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (करगिल) चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 26 में से 22 सीटें जीतीं हैं. भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार दो-दो सीटें मिलीं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के सत्ता-साझाकरण समझौते के अनुसार, दोनों दलों की कार्यकारी परिषद में बराबर हिस्सेदारी होगी. चुनावों के नतीजों को जम्मू कश्मीर पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 5 अगस्त 2019 के फैसलों और क्षेत्र में उसके बाद लागू की गईं नीतियों के प्रतिकार के रूप में भी देखा जा रहा है.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने न्यूज़क्लिक के खिलाफ दर्ज एफआईआर में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जताई है. टेलीग्राफ के मुताबिक, एसकेएम ने उक्त एफआईआर में की गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों को वापस न लिए जाने पर सरकारी परिसरों में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है. दिल्ली पुलिस की एफआईआर कहती है कि आरोपी व्यक्तियों ने ‘भारत में लोगों के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने और इस तरह की अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से किसानों के विरोध को विस्तारित करके संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और की भी साजिश रची है.’ एसकेएम ने कहा है कि किसानों पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, उसके लिए सरकार ही दोषी है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हर चुनाव में भाजपा का चुनाव चिह्न ‘कमल’ ही पार्टी का चेहरा है. नवभारत टाइम्स के अनुसार, चुनाव के मद्देनजर हो रही एक जनसभा के लिए राज्य के नीमच पहुंचे गोयल से पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि ‘कमल हम सभी के लिए पूजनीय है और हम कमल लेकर जनता के बीच जाते हैं.’ चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्रियों सहित कई वरिष्ठ नेताओं को उम्मीदवार के रूप में उतारने के बाद से प्रदेश में भाजपा द्वारा सीएम चेहरे को बदलने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
पांच महीनों से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में लोगों द्वारा गूगल और विकिपीडिया पर स्थानों के नाम बदलने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. एनडीटीवी के मुताबिक, राज्यपाल ने स्थानीय अधिकारियों को दिए आदेश में कहा कि लोगों द्वारा जिलों और यहां तक कि संस्थानों का नाम बदलने या बदलने की कोशिश करने की घटनाएं देखी गई हैं, जिससे पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के बीच तनाव बढ़ सकता है. बताया गया है कि मणिपुर के कई इलाके गूगल मैप्स पर दो नामों के साथ दिखाई दे रहे हैं. जैसे, पिछली कांग्रेस सरकार ने थांगजिंग पहाड़ी का नाम बदलकर थांगटिंग कर दिया था, जो कुकी स्वीकारते हैं, पर पहाड़ी इलाके के पास मोइरांग जिले में मेइतेई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है. कुकी जनजातियां चूड़ाचांदपुर को ‘लमका’ भी कहती हैं. पिछले हफ्ते, जिले के कुछ निवासियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की थी कि ‘लमका’ जाने वाले कई पार्सल इंफाल के डाकघर में अटके हुए हैं. इस पर इंडिया पोस्ट ने अपने आधिकारिक हैंडल से बताया था कि ‘लमका’ नाम की जगह के लिए कोई पिन कोड नहीं है.