बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में पुलिसकर्मियों ने एक सड़क दुर्घटना पीड़ित के शव को एक नहर में फेंक दिया था. यह मामला तब सामने आया जब इस कृत्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा बिहार सरकार को जारी नोटिस में कहा है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के साथ मानवाधिकारों का अस्तित्व समाप्त नहीं होता है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बीते बुधवार (11 अक्टूबर) को उस घटना पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें पुलिसकर्मियों ने मुजफ्फरपुर जिले में एक सड़क दुर्घटना पीड़ित के शव के अवशेष को एक नहर में फेंक दिया था.
यह मामला तब सामने आया, जब इस कृत्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना को मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखते हुए आयोग ने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के साथ मानवाधिकारों का अस्तित्व समाप्त नहीं होता है.
एनएचआरसी ने नोटिस में कहा, ‘मृतक भी सम्मानजनक व्यवहार के पात्र हैं.’ इसमें कहा गया है कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि पुलिसकर्मियों ने मानवीय मूल्यों का उल्लंघन करके सभ्यता से परे काम किया है.
आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
नोटिस में कहा कि रिपोर्ट में उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई भी शामिल होनी चाहिए, जो एक शव के अमानवीय तरीके से अपमान के लिए जिम्मेदार थे और मृतक की गरिमा को बनाए रखने तथा उसके अधिकारों की रक्षा के लिए 14 मई, 2021 को जारी आयोग के परामर्श के कार्यान्वयन पर राज्य द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी शामिल होनी चाहिए.
उक्त परामर्श में शवों के संरक्षण के साथ-साथ गरिमापूर्ण तरीके से दाह संस्कार/दफन सहित शवों के निपटान में मानवीय दृष्टिकोण के साथ पालन किए जाने वाले आवश्यक प्रोटोकॉल शामिल हैं.
मालूम हो कि बिहार के तीन पुलिसकर्मियों द्वारा राज्य के मुजफ्फरपुर जिले में एक अज्ञात व्यक्ति के शव को नहर में फेंकने का एक चौंकाने वाला वीडियो बीते 8 अक्टूबर को सामने आया था.
मुजफ्फरपुर के फकुली चौकी क्षेत्र के मुजफ्फरपुर-पटना मुख्य मार्ग पर ढोढ़ी नहर पुल के पास सड़क दुर्घटना में इस व्यक्ति की मौत हो गई थी. हादसे की सूचना पाकर फकुली चौकी से जुड़े पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस टीम मौके पर पहुंची और व्यक्ति के शव को उठाकर नहर में फेंक दिया, जबकि शव के कुछ हिस्सों को जांच के लिए अपने पास रख लिया. यह पूरी घटना दिनदहाड़े हुई और किसी राहगीर ने इसे मोबाइल में कैद कर लिया.
उसी दिन शाम को मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश कुमार ने तीनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.
मुजफ्फरपुर एसएसपी कार्यालय की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया था, वीडियो की जांच की गई और वास्तविक पाया गया. यह वाकई दुखद है कि ऐसी घटना हुई और पुलिस अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही. इस संबंध में एक कॉन्स्टेबल को निलंबित और दो होम गार्ड जवानों को बर्ख़ास्त कर दिया गया है.