बिहार: जादू-टोना करने के आरोप में 63 वर्षीय दलित महिला की हत्या

बिहार के कटिहार ज़िले का मामला. पुलिस ने कहा कि हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. हमें अभी तक मृतक के परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है. शिकायत मिलने पर हम मामले की जांच करेंगे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

बिहार के कटिहार ज़िले का मामला. पुलिस ने कहा कि हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. हमें अभी तक मृतक के परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है. शिकायत मिलने पर हम मामले की जांच करेंगे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: बिहार के कटिहार जिले में कथित तौर पर जादू-टोना करने के आरोप में गुरुवार और शुक्रवार की मध्य रात को एक 63 वर्षीय दलित महिला की बेरहमी से हत्या कर दी गई.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, खबर लिखे जाने तक पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की थी और न ही किसी को गिरफ्तार किया था.

घटना के वक्त पीड़ित बुगिया देवी जिले के फलका थाना अंतर्गत राजधानी महादलित टोले में अपने घर की रसोई में सो रही थीं.

शुक्रवार (13 अक्टूबर) की सुबह जब उनके बेटे कैलाश अपने मवेशियों को चारा देने के लिए उठे तो उन्होंने उन्हें अपनी खाट पर मृत पड़ा पाया. उनके शरीर पर कई गहरे घाव थे और वह खून से लथपथ थीं.

बुगिया देवी की बहू पूनम देवी ने पड़ोसी मन्नी ऋषि पर हत्या का आरोप लगाया है.

पूनम ने संवाददाताओं से कहा, ‘मन्नी के ससुर की हाल ही में मृत्यु हो गई थी और वह मेरी सास पर जादू-टोना करके उन्हें मारने का आरोप लगाते थे. वह उन्हें प्रताड़ित करते थे और अक्सर जान से मारने की धमकी देते थे.’

फलका थाना प्रभारी मुन्ना कुमार पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.

एफआईआर और गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर एसएचओ ने बताया, ‘हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. हमें अभी तक मृतक के परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. शिकायत मिलने पर हम इसे दर्ज करेंगे और अपनी जांच करेंगे. अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.’

बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने साल 1999 में जादू-टोना और इसके नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करने, अपमानित करने और उनकी हत्या करने से रोकने के लिए एक कानून – डायन प्रथा निवारण अधिनियम – लागू किया है.