उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कथित तौर पर फिलिस्तीन का समर्थन करके ‘शत्रुता को बढ़ावा देने’ के आरोप में एक मौलवी को गिरफ़्तार किया गया है. वहीं इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के संदर्भ में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए बरेली के एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इज़रायल-फिलिस्तीन युद्ध पर केंद्र सरकार के ‘रुख के विपरीत किसी भी गतिविधि’ के खिलाफ चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कथित तौर पर फिलिस्तीन का समर्थन करके ‘शत्रुता को बढ़ावा देने’ के आरोप में बीते शनिवार (14 अक्टूबर) को हमीरपुर में एक मौलवी को गिरफ्तार किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार मौलवी की पहचान सुहैल अंसारी (23 वर्ष) के रूप में हुई है. बीते शुक्रवार (13 अक्टूबर) को अंसारी और एक अन्य मौलवी आतिफ चौधरी पर आईपीसी की धारा 153ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, नफरत या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि चौधरी फरार हैं.
इस बीच इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के सिलसिले में वॉट्सऐप पर मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में शुक्रवार को बरेली में एक डॉक्टर पर भी मामला दर्ज किया गया. उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
हमीरपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है.’
पुलिस के मुताबिक, मौलवी सुहैल अंसारी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि वह फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कथित तौर पर लोगों को एक मस्जिद में इकट्ठा होने के लिए बुलाया था. अधिकारी ने कहा, ‘आरोपी ने सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियां भी कीं, जो प्रतिबंधित हैं और इससे कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.’
हमीरपुर की पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीक्षा शर्मा ने कहा कि क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई है और आतिफ चौधरी का पता लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है. अंसारी को शनिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
वहीं, बरेली में एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ. परमेंद्र माहेश्वरी के खिलाफ शुक्रवार को आईपीसी की धारा 153ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295ए (जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) के तहत मामला दर्ज किया गया.
बरेली कोतवाली थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एचएचओ) धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के संदर्भ में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए माहेश्वरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
मालूम हो कि बीते गुरुवार (12 अक्टूबर) को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संघर्ष पर किसी भी ‘विवादास्पद बयान’ और ‘भारत सरकार के विचारों के विपरीत गतिविधि’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था.
मालूम हो कि कुछ दिन पहले सैकड़ों छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी परिसर में ‘फिलिस्तीनी समर्थक’ नारे लगाते हुए एक मार्च निकाला था और हमास द्वारा इजरायल पर हमला करने और वहां सैकड़ों लोगों की हत्या के बाद गाजा पर इजरायली हवाई हमलों की निंदा की थी. पुलिस ने इस मामले में कई छात्रों पर मामला दर्ज किया था.
इजरायल और फिलिस्तीन स्थित आतंकी संगठन हमास शुरू हुए युद्ध के बाद भारत ने इजरायल के साथ एकजुटता व्यक्त की है और देश पर आतंकवादी हमलों की निंदा की है.