सिविल ठेकेदार आर. अंबिकापति पिछली भाजपा सरकार पर सिविल ठेकेदारों से 40 प्रतिशत कमीशन वसूलने का आरोप लगाने में मुखर रहे थे. भाजपा के साथ-साथ पड़ोसी राज्य तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति ने आरोप लगाया है कि जब्त की गई नकदी तेलंगाना में कांग्रेस के चुनाव अभियान को वित्तपोषित करने के लिए थी.
नई दिल्ली: आयकर विभाग के अधिकारियों ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक सिविल ठेकेदार, जिसका जुड़ाव सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी से है, के बेटे के आवास से 42 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं.
सवालों के घेरे में आए ठेकेदार आर. अंबिकापति पिछली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर सिविल ठेकेदारों से 40 प्रतिशत कमीशन वसूलने का आरोप लगाने में मुखर रहे थे. यह आरोप कर्नाटक चुनाव का प्रमुख मुद्दा था, जिसने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था.
अंबिकापति बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ठेकेदार संघ के उपाध्यक्ष हैं.
आईटी अधिकारी बीबीएमपी के लिए सिविल निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों से जुड़ी संपत्तियों पर पिछले दो दिनों से सिलसिलेवार छापेमारी कर रहे हैं.
भाजपा के अनुसार, जब्त की गई नकदी उस कमीशन का हिस्सा है, जो ठेकेदारों द्वारा राज्य की कांग्रेस सरकार को भुगतान किया जाना है, जिसके बदले पिछली भाजपा सरकार में ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों के लिए 650 करोड़ रुपये अधिकारी जारी कर दें.
भाजपा के साथ-साथ पड़ोसी राज्य तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने आरोप लगाया है कि जब्त की गई नकदी तेलंगाना में कांग्रेस के चुनाव अभियान को वित्तपोषित करने के लिए थी. तेलंगाना में 30 नवंबर को चुनाव होने जा रहे हैं और कांग्रेस, मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस के खिलाफ सत्ता की मजबूत दावेदार है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भाजपा एमएलसी और प्रवक्ता एन. रविकुमार ने कहा, ‘ठेकेदार के पास मिले 42 करोड़ रुपये ठेकेदारों को 650 करोड़ रुपये का भुगतान जारी करने का कमीशन है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और पद छोड़ देना चाहिए. धन की विस्तृत जांच होनी चाहिए.’
इसी तरह, पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा के शब्दों को दोहराया. कुमारस्वामी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर कहा, ‘कुछ ठेकेदारों को 650 करोड़ रुपये का भुगतान जारी करने के बाद नकदी पाई गई. ऐसा प्रतीत होता है कि पैसा अवैध है. इसके पीछे कौन लोग हैं और रिश्वत का प्रतिशत क्या है? जानकारी यह है कि पैसे वाले कार्टन बॉक्स तेलंगाना ले जाए जाने थे.’
बता दें कि कुमारस्वामी की पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में है.
जिस अंबिकापति से पैसे जब्त किए गए, वह शहर के आरटी नगर क्षेत्र से कांग्रेस पार्षद अश्वथम्मा के पति हैं.
अश्वथम्मा अखंड श्रीनिवासमूर्ति की बहन भी हैं, जिन्हें हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में डीके शिवकुमार से झगड़े के चलते कांग्रेस का टिकट नहीं मिल सका था. शिवकुमार अब उपमुख्यमंत्री हैं.
इस साल अगस्त में शिवकुमार ने पिछली भाजपा सरकार के दौरान किए गए कार्यों के लिए ठेकेदारों को भुगतान रोकने की धमकी दी थी.
उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ऐसे किसी भी व्यक्ति को भुगतान नहीं करेगी, जो जमीनी स्तर पर वास्तविक काम का सबूत दिखाए बिना बिल पेश करेगा. ठेकेदारों के मुताबिक, पिछली भाजपा सरकार का 710 करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है.
कुछ ठेकेदारों ने शिवकुमार पर भुगतान जारी करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से हस्तक्षेप की भी मांग की थी. उन्होंने कहा था कि अगर वह रिश्वत नहीं मांग रहे हैं तो उन्हें कसम खानी चाहिए. हालांकि, बाद में ठेकेदारों ने अपने आरोप वापस ले लिए थे.
हालांकि, भाजपा उन ठेकेदारों को भुगतान जारी करने के लिए शिवकुमार पर ‘डीकेएस टैक्स’ वसूलने का आरोप लगा रही है, जिन्होंने भाजपा सरकार में काम किया था.
आयकर छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा कि वे ‘राजनीति से प्रेरित’ हैं.
उन्होंने कहा, ‘आईटी विभाग बिना राजनीतिक मकसद के कोई कार्रवाई नहीं करेगा. हम सब जानते हैं कि क्या हो रहा है. यह उन राज्यों में किया जा रहा है, जहां विपक्ष शासन कर रहा है; यह छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है.’
जब विशेष रूप से भुगतान जारी करने और जब्त किए गए बेहिसाब धन के बीच संबंध के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने भाजपा के आरोपों के बारे में कहा, ‘मुझे नहीं पता. मुझे उन लोगों को जवाब देने की जरूरत नहीं है, जो सड़कों पर बोलते हैं.’
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