जद (एस) नेतृत्व के विपरीत कर्नाटक अध्यक्ष ने कहा- पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं

बीते 22 सितंबर को जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा की थी. तब से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र की पार्टी इकाइयों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर नाराज़गी व्यक्त की है और कुछ नेताओं ने तो पद भी छोड़ दिया है.

जनता दल (सेक्युलर) के नेता कुमारस्वामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन को औपचारिक रूप दिया था. (फोटो साभार: फेसबुक/HD Kumaraswamy)

बीते 22 सितंबर को जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा की थी. तब से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र की पार्टी इकाइयों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर नाराज़गी व्यक्त की है और कुछ नेताओं ने तो पद भी छोड़ दिया है.

जनता दल (सेक्युलर) के नेता कुमारस्वामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन को औपचारिक रूप दिया था. (फोटो साभार: फेसबुक/HD Kumaraswamy)

नई दिल्ली: केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के जनता दल (सेक्युलर) नेताओं के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने के फैसले पर पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष सीएम इब्राहिम ने कहा है कि वह पार्टी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल नहीं होने देंगे.

इब्राहिम ने कहा कि उनकी पार्टी का मूल पक्ष ‘धर्मनिरपेक्ष’ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनके पास पार्टी के निर्देश पर निर्णय लेने की शक्ति है.

बीते 22 सितंबर को जद (एस) के दूसरे नंबर के नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन को औपचारिक रूप दिया था. तब से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में जद (एस) की पार्टी इकाइयों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कुछ नेताओं ने तो पद भी छोड़ दिया है.

कर्नाटक के बाहर जद (एस) की उपस्थिति सीमित है. कर्नाटक पार्टी इकाई के अध्यक्ष इब्राहिम का नवीनतम बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पार्टी का घरेलू क्षेत्र है. नेतृत्व के प्रति उनके भिन्न विचार पार्टी में संभावित विभाजन के संकेत देते हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इब्राहिम ने बीते सोमवार (16 अक्टूबर) को बेंगलुरु में पार्टी के कुछ नेताओं के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा पहला निर्णय यह है कि जद (एस) एनडीए के साथ नहीं जाएगी. दूसरा फैसला देवेगौड़ा से अनुरोध करने के संबंध में है कि वह इस गठबंधन के लिए अपनी सहमति न दें.’

इब्राहिम ने कहा, ‘हालांकि कर्नाटक में हमें अभी भी उनके (देवेगौड़ा) प्रति स्नेह है. वह पिता तुल्य हैं. हम उनसे कहेंगे कि हमें भाजपा से कोई संबंध नहीं रखना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि वह एक कोर कमेटी बनाएंगे, जो देवेगौड़ा से मुलाकात करेगी और बैठक में लिए गए फैसले से अवगत कराएगी.

उन्होंने आगे अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘अगर देवेगौड़ा और कुमारस्वामी ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया है तो उन्हें जाने दें. हम उनसे नहीं जाने के लिए कह रहे हैं. अगर वे ​जाएंगे तो हम उन्हें बांध नहीं सकते. (जद-एस) विधायकों के संबंध में कृपया प्रतीक्षा करें और देखें कि ये विधायक क्या निर्णय लेंगे. समय आने पर हम आपको सूचित करेंगे.’

इब्राहिम ने दावा किया कि पार्टी के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और वह जल्द ही उनके साथ बैठक करेंगे. हालांकि उन्होंने उन विधायकों के नाम बताने से इनकार कर दिया, जिनके संपर्क में होने का उन्होंने दावा किया है और कहा कि इससे उन पर दबाव पड़ेगा.

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