एक रिपोर्ट के अनुसार, डाबर इंडिया की तीन सहायक कंपनियां नमस्ते लैबोरेटरीज़, डर्मोवीवा स्किन एसेंशियल्स इंक और डाबर इंटरनेशनल लिमिटेड अमेरिका और कनाडा की संघीय और राज्य अदालतों में कई मुक़दमों का सामना कर रही हैं. उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि इन कंपनियों द्वारा निर्मित हेयर रिलैक्सर उत्पाद के उपयोग से कई तरह के कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं.
नई दिल्ली: उपभोक्ता सामान बनाने वाली (एमएमसीजी) भारतीय कंपनी डाबर ने बीते बुधवार (18 अक्टूबर) को कहा कि उसकी तीन विदेशी सहायक कंपनियां अमेरिका और कनाडा की संघीय और राज्य अदालतों में मामलों का सामना कर रही हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक नियामक फाइलिंग के अनुसार, डाबर इंडिया की तीन सहायक कंपनियां नमस्ते लैबोरेटरीज एलएलसी, डर्मोवीवा स्किन एसेंशियल्स इंक और डाबर इंटरनेशनल लिमिटेड मामलों का सामना कर रही हैं.
फाइलिंग के अनुसार, कुछ उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि उद्योग के खिलाड़ियों/प्रतिवादियों द्वारा बेचे गए/या निर्मित हेयर रिलैक्सर उत्पाद में कुछ रसायन होते हैं, जिनके उपयोग से अंडाशय का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं.
इसमें कहा गया है, ‘अमेरिका और कनाडा की संघीय और राज्य दोनों अदालतों में मामले दायर किए गए हैं. इलिनोइस के उत्तरी जिले के लिए संयुक्त राज्य जिला न्यायालय के समक्ष संघीय मामलों को बहु-जिला मुकदमेबाजी (Multi-District Litigation) के रूप में समेकित किया गया था, जिसे एमडीएल भी कहा जाता है.’
वर्तमान में एमडीएल में लगभग 5,400 मामले हैं, जिसमें कुछ अन्य उद्योग खिलाड़ियों के साथ-साथ नमस्ते लैबोरेटरीज, डर्मोवीवा और डाबर इंटरनेशनल लिमिटेड को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है.
इसमें कहा गया है, ‘मामले की मुकदमेबाजी शुरुआती खोज चरणों में हैं, जिसका अर्थ है कि पक्ष वादी की शिकायतों को चुनौती दे रहे हैं और कुछ मामलों में सूचना और दस्तावेजों के लिए अनुरोधों का आदान-प्रदान कर रहे हैं. विभिन्न प्रस्ताव भी लंबित हैं.’
इसमें कहा गया है, ‘मुकदमेबाजी के इस चरण में निपटान या फैसले के परिणाम के कारण किसी भी वित्तीय निहितार्थ का निर्धारण नहीं किया जा सकता है.’
इसमें कहा गया है, ‘विभिन्न प्रस्ताव भी लंबित हैं. चूंकि हम मुकदमेबाजी के प्रारंभिक चरण में हैं, दावे की राशि की कोई भी अंतिम मात्रा न तो संभावित है और न ही अनुमानित है.’
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का कहना है कि उसके खिलाफ आरोप एक बेबुनियाद और अधूरी स्टडी के आधार पर लगाए गए हैं. उसकी सहायक कंपनियों ने कुछ भी गलत नहीं किया है और अदालत में अपना बचाव करने के लिए वकीलों को हायर किया गया है. कंपनी ने बताया कि कई कंपनियों के खिलाफ 5,400 मुकदमे दर्ज किए गए हैं.