एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक़, भाजपा के 129 विधायकों में से 107 (83%) करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के 97 विधायकों में से 76 (78%) करोड़पति है. चार में से तीन निर्दलीय विधायक भी करोड़पति हैं.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में जहां एक आम आदमी की प्रति व्यक्ति आय 1,40,583 रुपये या लगभग 11,000 रुपये प्रति माह है, वहीं गुरुवार को जारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, वर्तमान विधायकों में से 186 (81%) करोड़पति हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक, एडीआर की रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 230 मौजूदा विधायकों के पास औसत संपत्ति 10.76 करोड़ रुपये है, जो 2013 और 2008 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में चुने गए प्रत्येक विधायक की औसत संपत्ति से क्रमशः 105% और 647% अधिक है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 129 विधायकों में से 107 (83%) करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के 97 विधायकों में से 76 (78%) करोड़पति है. चार में से तीन निर्दलीय विधायक भी करोड़पति हैं.
मध्य प्रदेश में 2008 के चुनावों में चुने गए करोड़पति विधायकों की संख्या सिर्फ 84 थी, जो 2013 के चुनावों में 92% बढ़कर 161 करोड़पति विधायकों तक पहुंच गई. वहीं, 2018 के चुनावों में चुने गए करोड़पति विधायकों की संख्या 15.5% बढ़कर 186 विधायक हो गई.
सत्तारूढ़ भाजपा के करोड़पति विधायकों की संख्या, जो 2013 में 118 थी, 2018 के चुनावों में 9% गिरकर 107 हो गई, जबकि करोड़पति कांग्रेस विधायकों की संख्या, जो 2013 में 40 थी, 2018 में 142% बढ़कर 97 हो गई.
भाजपा के संजय पाठक सबसे अमीर विधायक
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक मौजूदा विधायकों में सबसे अमीर हैं, जिनकी कुल संपत्ति 226 करोड़ रुपये है, जो 2013 में 141 करोड़ रुपये से 60% अधिक है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ सबसे अमीर विधायकों की सूची में छठे स्थान पर हैं, उनकी कुल घोषित संपत्ति 124 करोड़ रुपये है.
2018 के चुनावों में दायर हलफनामे के अनुसार, मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास 7 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है.
राज्य के सबसे गरीब विधायक
मध्य प्रदेश में भाजपा के छह विधायक और कांग्रेस के चार नेताओं के पास सबसे कम संपत्ति है.
पंधाना सीट से पहली बार भाजपा के आदिवासी विधायक बने राम दांगोरे के पास 50,000 रुपये की संपत्ति थी, वहीं तीसरी बार भाजपा विधायक और मंत्री उषा ठाकुर के पास 7 लाख रुपये की संपत्ति थी.
सत्तारूढ़ दल के आदिवासी विधायक शरद कोल भी 8.4 लाख रुपये की कुल संपत्ति के साथ सूची में हैं.
40 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले हैं
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में 40 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 20 फीसदी विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
सत्तारूढ़ भाजपा के कुल 129 विधायकों में से 30 प्रतिशत पर आपराधिक मामले थे और 16 प्रतिशत गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी थे.
कांग्रेस के कुल 97 विधायकों में से 54 प्रतिशत पर आपराधिक मामले थे, जबकि 26 प्रतिशत विधायक गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी थे.
विधायकों की शैक्षणिक योग्यता
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के मौजूदा 230 विधायकों में से 59 पोस्ट ग्रेजुएट हैं, जिनमें भाजपा के 35 और कांग्रेस के 24 विधायक शामिल हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 55 विधायक (भाजपा से 28, कांग्रेस से 26 और एक निर्दलीय विधायक) स्नातक थे, जबकि 39 (भाजपा से 25, कांग्रेस से 13 और एक निर्दलीय विधायक) स्नातक पेशेवर हैं.
230 विधायकों में से पांच विधायक (चार भाजपा से और एक कांग्रेस से) डॉक्टरेट हैं, जबकि चार (दो भाजपा से, एक कांग्रेस से और एक निर्दलीय) पेशेवर डिप्लोमा धारक हैं.
पैंतीस विधायक 12वीं कक्षा पास हैं, 12 विधायक कक्षा 10वीं पास हैं, सात विधायक कक्षा 8वीं पास हैं, आठ कक्षा 5वीं पास हैं, पांच (चार भाजपा और एक बसपा) साक्षर हैं, जबकि एक भाजपा विधायक निरक्षर है.