केंद्र सरकार ने लैपटॉप और कंप्यूटर आयात को लाइसेंस देने की योजना वापस ली

इसके बजाय एक अधिसूचना में केंद्र सरकार ने आईटी हार्डवेयर उद्योग के लिए एक नई ‘आयात प्रबंधन प्रणाली’ की घोषणा की है. इसके तहत आईटी हार्डवेयर कंपनियों को अन्य चीज़ों के अलावा अपने आयात और जिन देशों से वे आयात करते हैं, उनसे संबंधित डेटा को पंजीकृत करने और उसका खुलासा करने की आवश्यकता होगी.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: xiaomihome.global/)

इसके बजाय एक अधिसूचना में केंद्र सरकार ने आईटी हार्डवेयर उद्योग के लिए एक नई ‘आयात प्रबंधन प्रणाली’ की घोषणा की है. इसके तहत आईटी हार्डवेयर कंपनियों को अन्य चीज़ों के अलावा अपने आयात और जिन देशों से वे आयात करते हैं, उनसे संबंधित डेटा को पंजीकृत करने और उसका खुलासा करने की आवश्यकता होगी.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बीते गुरुवार (19 अक्टूबर) को आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि वह लैपटॉप, टैबलेट और कुछ प्रकार के कंप्यूटरों पर आयात प्रतिबंध लगाने की अपनी पिछली योजना वापस ले रही है.

इसके बजाय एक अधिसूचना में सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए एक नई ‘आयात प्रबंधन प्रणाली’ की घोषणा की है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, प्रस्तावित प्रणाली के तहत, आईटी हार्डवेयर कंपनियों को अन्य चीजों के अलावा अपने आयात और जिन देशों से वे आयात करते हैं, उनसे संबंधित डेटा को पंजीकृत करने और उसका खुलासा करने की आवश्यकता होगी.

यह इस उद्योग के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, जिसे डर था कि पिछली लाइसेंसिंग अधिसूचना से एक तरह की कोटा प्रणाली लागू हो जाएगी.

केंद्र सरकार का यह निर्णय हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान द्वारा भारत की योजना के बारे में चिंता जताने के बाद आया है.

इस उपाय के पीछे मुख्य विचार लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात की जांच करना है, खासकर जब उनमें से अधिकांश चीन से आते हैं, जिससे सरकार चिंतित है.

बीते 3 अगस्त को सरकार ने ‘सुरक्षा कारणों’ और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की आवश्यकता का हवाला देते हुए लैपटॉप, टैबलेट और कुछ प्रकार के कंप्यूटरों पर तत्काल प्रभाव से आयात प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने कहा था कि इन वस्तुओं का आयात करने के इच्छुक लोगों को 1 नवंबर से लाइसेंस की आवश्यकता होगी. हालांकि, कुछ हफ्तों के भीतर यह खबर आई कि इस फैसले को वापस लेने की संभावना है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पूंजीगत वस्तुओं के लिए आवश्यक पुर्जों, भागों, असेंबलियों, उप-असेंबली, घटकों और अधिसूचित आईटी हार्डवेयर वस्तुओं के आयात के साथ-साथ विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) द्वारा आयात के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं.

सामान नियमों के तहत आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और एक लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर या अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर के आयात पर भी छूट दी जाएगी, जिसमें ई-कॉमर्स पोर्टल से पोस्ट या कूरियर के माध्यम से खरीदे गए कंप्यूटर भी शामिल हैं.

भारत में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक सामान और लैपटॉप/कंप्यूटर के आयात में वृद्धि देखी गई है. इस साल अप्रैल-जून के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामानों का आयात एक साल पहले की अवधि के 4.73 अरब डॉलर से बढ़कर 6.96 अरब डॉलर हो गया, जिसकी कुल आयात में 4-7 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.

आयात में सबसे अधिक हिस्सेदारी लैपटॉप और पामटॉप सहित पर्सनल कंप्यूटर की श्रेणी में है, जिसके तहत इस साल अप्रैल-मई में चीन से आयात 558.36 मिलियन डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 618.26 मिलियन डॉलर था. भारत के पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप के आयात में चीन की हिस्सेदारी लगभग 70-80 प्रतिशत है.

लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित), माइक्रो कंप्यूटर, बड़े या मेनफ्रेम कंप्यूटर और कुछ डेटा प्रोसेसिंग मशीनें नई आयात निगरानी प्रणाली के अंतर्गत शामिल की गई हैं.

विदेश व्यापार महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने बीते गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि यह फेसलेस और कॉन्टैक्टलेस होगा और आयातकों को अपना विवरण भरने में कोई परेशानी नहीं होगी.

अधिकारियों ने कहा कि राजस्व विभाग भी नई प्रणाली तैयार करने का हिस्सा है, पूरी आवेदन प्रक्रिया में स्वचालित प्रणाली में लगभग 10 मिनट लगने की उम्मीद है.

बीते अगस्त माह में सरकार ने लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर लाइसेंसिंग प्रणाली लागू करने का प्रयास किया था, लेकिन उद्योग से मजबूत विरोध के बाद निर्देश के कार्यान्वयन को 31 अक्टूबर तक रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा. तब से इसने ‘आयात प्रबंधन प्रणाली’ के नए उपाय पर काम किया. आयात प्राधिकरण सितंबर 2024 तक वैध रहेगा.