चार साल के निर्वासन के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ स्वदेश लौटे

नवाज़ शरीफ़ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान 2017 में हटा दिया गया था और 2018 में भ्रष्टाचार के कई आरोपों में सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी. 2019 में उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया और इलाज कराने की अनुमति दी गई थी.

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नवाज शरीफ. (फोटो साभार: फेसबुक/Maryam Nawaz Sharif)

नवाज़ शरीफ़ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान 2017 में हटा दिया गया था और 2018 में भ्रष्टाचार के कई आरोपों में सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी. 2019 में उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया और इलाज कराने की अनुमति दी गई थी.

नवाज शरीफ. (फोटो साभार: फेसबुक/Maryam Nawaz Sharif)

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आम चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक यात्रा फिर से शुरू करने के लिए लंदन में चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद शनिवार (21 अक्टूबर) को देश लौट आए.

शरीफ की वापसी तब हुई है, जब देश उच्च मुद्रास्फीति और अन्य गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है. 16 महीने पहले उनके भाई शहबाज शरीफ के सत्ता संभालने के बाद से आर्थिक संकट गहरा गया है.

शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के वरिष्ठ नेता ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा, ‘यह आशा और उत्सव का समय है. उनकी वापसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और उसके लोगों के लिए अच्छा संकेत है.’

पार्टी सूत्रों के अनुसार, तीन बार के निर्वाचित प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पार्टी सदस्यों और पत्रकारों सहित 194 लोगों के दल के साथ दुबई से एक चार्टर्ड विमान से यात्रा करके आए.

नवाज शरीफ के सामने चुनौतियां

नवाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान 2017 में हटा दिया गया था और 2018 में भ्रष्टाचार के कई आरोपों में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. 2019 में उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया और इलाज कराने की अनुमति दी गई थी.

इस सप्ताह की शुरुआत में शरीफ को एक सुरक्षात्मक जमानत दी गई थी, जिसने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और इसलिए उन्हें स्व-निर्वासन से वापस आने की अनुमति मिल गई.

शरीफ आम चुनाव से पहले लौट रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ अदालती फैसलों के कारण उन्हें दोबारा पद की दौड़ में बने रहने से रोक दिया गया है.

हालांकि, उनकी कानूनी टीम का कहना है कि पाकिस्तानी नेता का अदालत में अपील करने का इरादा है. पार्टी सदस्यों का कहना है कि वह लोकप्रियता हासिल करने और चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की होड़ में हैं.

शरीफ के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने बेहद लोकप्रिय राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हुए जनता का विश्वास हासिल करना है.

राजनीतिक विश्लेषक आयशा सिद्दीका ने कहा, ‘शरीफ की मुख्य चुनौती सबसे पहले खुद को और अपनी पार्टी को पहले से ही लोकप्रिय इमरान खान की जगह लेने के लिए व्यवहार्य विकल्प के रूप में स्थापित करना है, और दूसरी चुनौती अर्थव्यवस्था में बदलाव लाना है.’

यह लेख सबसे पहले डीडब्ल्यू में प्रकाशित किया गया था. इसे अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.