बीते 23 अक्टूबर को गुजरात हाईकोर्ट के वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस बीरेन वैष्णव ने कर मामलों की सुनवाई में मतभेद ज़ाहिर करने पर सहयोगी जस्टिस मौना भट्ट को फटकार लगाई थी. कार्यवाही के एक वीडियो क्लिप के सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा होने के बाद कोर्ट ने अब इसे अपने आर्काइव से हटा दिया है.
नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा पीठ की महिला जज के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताने के लिए माफी मांगने के एक दिन बाद अदालत ने यूट्यूब से कॉपीराइट उल्लंघन का दावा करने वाले माफी के वीडियो को हटाने के लिए कहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 23 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के चौथे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस बीरेन वैष्णव कर (टैक्स) मामलों के एक बैच की सुनवाई में मतभेद व्यक्त करने के लिए उनकी सहयोगी जस्टिस मौना भट्ट पर बिफर गए थे.
गुजरात हाईकोर्ट की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग से घटना का एक वीडियो लेकर सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया था. हाईकोर्ट ने अब उस क्लिप को अपने आर्काइव से हटा दिया है.
हालांकि, 25 अक्टूबर को जस्टिस वैष्णव की माफी अभी भी हाईकोर्ट के वेबसाइट पर उपलब्ध है. हाईकोर्ट ने यूट्यूब से न्यायाधीश की माफी के वीडियो को हटाने के लिए कहा है.
गुजरात हाईकोर्ट रजिस्ट्री के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से पुष्टि की कि ऐसे नोटिस भेजे गए हैं. यह पता चला है कि यूट्यूब में प्रसारित होने के बाद कई वेबसाइट ने यह कहते हुए वीडियो को हटा दिया कि यह ‘गुजरात उच्च न्यायालय के कॉपीराइट दावे के कारण अब उपलब्ध नहीं है.’
ज्ञात हो कि गुजरात हाईकोर्ट 2020 में कोविड महामारी के दौरान अपनी कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने वाला पहला उच्च न्यायालय था.
न्यायाधीशों के बीच यह कहासुनी आयकर मामलों से संबंधित था जहां विभाग ने पिछले छह वर्षों के मूल्यांकन को फिर से खोलने के लिए नोटिस जारी किए थे.
इस मामले में जस्टिस वैष्णव ने टैक्स अधिकारियों को इस शर्त के साथ पुनर्मूल्यांकन के लिए आगे बढ़ने की अनुमति देने के आदेश दिए कि अंतिम मूल्यांकन आदेश न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना तैयार नहीं किया जाएगा, जबकि जस्टिस भट्ट को उनका जवाब देते हुए देखा गया.
जस्टिस वैष्णव ने कहा था, ‘तो फिर आपकी राय अलग है, यार. फिर आप अलग हैं… आप एक बार अलग राय देती हैं, दूसरे में भी.’ जब जस्टिस भट्ट ने जवाब दिया कि ‘यहां बात अलग होने की नहीं है…’ तो जस्टिस वैष्णव ने उनकी बात काट दी और उन्हें एक अलग आदेश पारित करने के लिए कहा.
जस्टिस वैष्णव ने कहा, ‘तो फिर बड़बड़ाओ मत. फिर आप एक अलग आदेश पारित करें.’ इसके बाद वह यह कहते हुए चले गए कि पीठ आज किसी अन्य मामले पर सुनवाई नहीं करेगी.
25 अक्टूबर को दिन की सुनवाई शुरू होने से पहले जस्टिस वैष्णव ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. उन्होंने कहा, ‘सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था, मैं गलत था. मुझे इसके लिए खेद है… ऐसा नहीं होना चाहिए था, मैं गलत था.’