पश्चिम बंगाल: राशन घोटाला मामले में ईडी के छापों के बाद मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक गिरफ़्तार

पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने दबिश दी थी. क़रीब 20 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें शुक्रवार सुबह गिरफ़्तार कर लिया गया. ईडी हाल ही में इस मामले में गिरफ़्तार कारोबारी बकीबुर रहमान के साथ मलिक के संबंधों की जांच कर रही है.

ज्योतिप्रिय मलिक. (फोटो साभार: एक्स)

पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने दबिश दी थी. क़रीब 20 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें शुक्रवार सुबह गिरफ़्तार कर लिया गया. ईडी हाल ही में इस मामले में गिरफ़्तार कारोबारी बकीबुर रहमान के साथ मलिक के संबंधों की जांच कर रही है.

ज्योतिप्रिय मलिक. (फोटो साभार: एक्स)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने ‘राशन घोटाले’ के सिलसिले में 20 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया. राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री मलिक को शुक्रवार सुबह 3.23 बजे गिरफ्तार किया गया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ जवानों द्वारा साल्ट लेक स्थित अपने घर से सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी कार्यालय ले जाए जाते समय मलिक ने कहा, ‘मैं एक बड़ी साजिश का शिकार हुआ हूं.’ ईडी अधिकारी गुरुवार सुबह 6.30 बजे उनके घर पहुंचे थे.

जब मलिक खाद्य मंत्री थे तब हुए राशन वितरण में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में ईडी ने मलिक और उनके सहयोगियों सहित आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी. सूत्रों ने कहा कि ईडी व्यवसायी बकीबुर रहमान के साथ मलिक के संबंधों की जांच कर रही है, जिन्हें हाल ही में मामले में गिरफ्तार किया गया था.

ईडी ने उत्तर 24 परगना जिले के नागेरबाजार स्थित मलिक के निजी सहायक अमित डे के आवास पर भी तलाशी ली.

रहमान को पिछले हफ्ते कैखाली स्थित उनके फ्लैट पर 53 घंटे से अधिक समय तक चली ईडी की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था.

ईडी सूत्रों के मुताबिक, उनके फ्लैट से सरकारी दफ्तरों की मोहरें लगे 100 से ज्यादा दस्तावेज मिले थे. रहमान के पास चावल मिल व्यवसाय के अलावा कई होटल, रिसॉर्ट और बार हैं. ईडी के सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उनकी कंपनियों में 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया था .

इससे पहले गुरुवार को कालीघाट स्थित अपने आवास पर प्रेस को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की आलोचना की.

उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्गा पूजा के बाद उनकी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियां ​​तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं के घर में तोड़फोड़ कर रही हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बालू (ज्योतिप्रिया मलिक) को पहले से ही डायबिटीज है. उनकी शारीरिक स्थिति भी काफी खराब है. अगर उनकी मौत हो गई तो मैं भाजपा और ईडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराऊंगी.’

इससे पहले, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि रहमान 2012 से मलिक को जानते थे. उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह एक बहुत बड़ा घोटाला है.’

पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इससे पहले आरोप लगाया था कि रहमान वरिष्ठ टीएमसी नेताओं और मंत्रियों की मदद से काम कर रहे थे. गुरुवार को चौधरी ने कहा, ‘यह एक बड़ा घोटाला है. खाद्य मंत्री से लेकर राशन डीलर तक सभी शामिल हैं, यहां तक कि पुलिस भी इसमें शामिल है. हम सब इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और सजा चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा होता दिख नहीं रहा है.’

गौरतलब है कि मलिक 2011 से 2021 के बीच पश्चिम बंगाल के खाद्य और वितरण मंत्री थे. अभी वह वन मामलों और गैर-पारंपरिक एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के मंत्री हैं. वह तीन बार के मंत्री और मुख्यमंत्री बनर्जी के करीबी विश्वासपात्र माने जाते हैं.

ये कथित अनियमितताएं, जिनमें उचित मूल्य या राशन की दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण के लिए जारी गेहूं और चावल की बिक्री शामिल है, 2020 और 2021 के बीच हुई थीं. आरोप है कि खाद्य विभाग के अधिकारियों और मिल मालिकों के बीच मिलीभगत से राशन के लिए जारी चावल और गेहूं की खुले बाजार में अवैध बिक्री की गई, साथ ही राशन की दुकानों से घटिया गुणवत्ता वाले चावल का वितरण किया गया.

बता दें कि मलिक का भड़काऊ बयान देने का भी इतिहास रहा है.

2012 में, उन्होंने एक निर्देश जारी कर अपनी पार्टी के सदस्यों को बंगाल में सीपीआई (एम) का सामाजिक बहिष्कार करने और क्षेत्र में सीपीआई (एम) से जुड़े परिवारों के साथ सभी संबंध, यहां तक कि विवाह संबंध भी खत्म करने का निर्देश दिया था.

2013 में, बलात्कार विरोधी कार्यकर्ता बरुण बिस्वास की हत्या की जांच के लिए एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स द्वारा गठित एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने निष्कर्ष निकाला था कि हत्या में मलिक का हाथ था.

इस साल की शुरुआत में, उनकी बेटी प्रियदर्शनी मलिक को पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन का सचिव नियुक्त किया गया था.

मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में टीएमसी के पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता बनर्जी को ईडी ने ‘स्कूल नौकरी घोटाले’ में गिरफ्तार किया था.