मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक और आत्महत्या समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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महाराष्ट्र में सभी मराठाओं को आरक्षण देने के लिए एक्टिविस्ट मनोज जारांगे-पाटिल की भूख हड़ताल शुरू होने के बाद कथित तौर पर इसी मांग को लेकर एक 25 वर्षीय व्यक्ति के आत्महत्या करने की खबर सामने आई है. द हिंदू के अनुसार, पुलिस ने बताया है कि मृतक की पहचान कृष्णा कल्याणकर के रूप में हुई है और उनका शव हिंगोली जिले की कलमनुरी तहसील के एक खेत में मिला. उन्होंने एक नोट छोड़ा जिसमें लिखा था कि उन्होंने नौकरियों और शिक्षा में मराठा आरक्षण में तेजी लाने के लिए अपनी जान दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इसी दिन दो और आत्महत्याओं की सूचना मिली है, जिसके बारे में मराठा समुदाय के सदस्यों का दावा है कि यह आरक्षण की मांग से जुड़ी हैं, हालांकि पुलिस ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है. इससे पहले 24 अक्टूबर को जालना के एक मराठा कार्यकर्ता सुनील कावले (45) ने मुंबई में एक फ्लाईओवर पर फांसी लगा ली थी. उन्होंने तीन पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें कहा गया था कि वह समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के चलते ऐसा कदम उठा रहे हैं.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रही संसद की एथिक्स कमेटी के उनसे पहले शिकायतकर्ताओं का पक्ष सुनने को लेकर सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, मोइत्रा ने कहा है कि वह 4 नवंबर तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में काम करने में व्यस्त हैं, इसलिए उनका आग्रह है कि समिति उनके पेश होने की तारीख में बदलाव कर इसे 5 नवंबर के बाद का रखे. इसके अलावा मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का भी जिक्र किया है, जिन्होंने इस मामले पर विवादित हलफनामा दायर किया है. हीरानंदानी ने एक टीवी न्यूज़ चैनल कहा है कि वह कमेटी के सामने पेश होने के इच्छुक हैं. मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि हीरानंदानी, जिन पर दुबे ने अडानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद को रिश्वत देने का आरोप लगाया है, ने दबाव में यह हलफनामा दायर किया है. मोइत्रा का कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए उचित यह होगा है कि उन्हें हीरानंदानी से जिरह करने का मौका दिया जाए और कथित तौर पर उनके द्वारा दी गई रिश्वत की भी पूरी सूची भी दी जाए.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि गाज़ा में जान गंवाने वाले कुल 7,028 लोगों में से 40 फीसदी बच्चे हैं. बीबीसी के इमोगन फॉक्स की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि  18,482 घायल भी हैं, जिनमें भी एक बड़ा हिस्सा बच्चों का है. एजेंसी ने कहा कि 35 में से 23 अस्पताल अब भी आंशिक रूप से काम कर रहे हैं, लेकिन बाकियों के साथ सामुदायिक क्लीनिकों को बंद करना पड़ा है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि गाजा में 1,000 लोगों को डायलिसिस की जरूरत है,  समय से पहले जन्मे 30 बच्चे इन्क्यूबेटरों में हैं और 2,000 कैंसर रोगियों को तत्काल इलाज की जरूरत है. लेकिन अस्पताल के जनरेटर चलाने के लिए ईंधन न होने चलए यह सब नामुमकिन है.

उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर की एक एमपी/एमएलए अदालत ने गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को क्षेत्र में हुई एक हत्या के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए दस साल की सजा सुनाई है. अमर उजाला के मुताबिक, अदालत ने अंसारी पर पांच लाख रुपये का जुरमाना भी लगाया है. 2009 में करंडा थानाक्षेत्र के सबुआ के एक निवासी की हत्या और मुहम्मदाबाद के एक रहवासी की हत्या के प्रयास के मामले को आधार बनाकर अंसारी और सह-आरोपी सोनू यादव के खिलाफ करंडा थाने में दर्ज केस की सुनवाई लंबे समय से चल रही थी. अदालत ने गुरुवार को दोनों को दोषी पाया और शुक्रवार को सज़ा सुनाई. अप्रैल महीने में अंसारी को वाराणसी की एक अदालत ने कांग्रेस नेता की हत्या मामले में उम्रक़ैद की सज़ा दी थी. उससे पहले गाजीपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने अंसारी और उनके बड़े भाई सांसद अफ़ज़ल को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के अपहरण और हत्या से संबंधित मामले में दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आईएएस अधिकारियों को इसकी ‘उपलब्धियों के प्रचार अभियान में ‘रथ प्रभारी’ नाम को लेकर उठे सवालों के बीच कहा है कि उन्हें अब नोडल अधिकारी संबोधित किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय आने के कुछ घंटों बाद ही भारतीय निर्वाचन आयोग ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को एक नोटिस जारी कर कहा कि सरकारी प्रचार की गतिविधियां उन निर्वाचन क्षेत्रों में न की जाएं जहां 5 दिसंबर तक आदर्श आचार संहिता लागू है.

बिहार के छपरा में प्रतिमा विसर्जन पर हुए कथित पथराव के बाद तनाव उत्पन्न हो गया है. प्रभात खबर के अनुसार, पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति नियंत्रित की थी. इसके बाद जिले में दो दिन के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. घटना में कुछ लोगों के घायल होने की भी सूचना है. सारण पुलिस ने बताया है कि कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.