एजीएमयूटी कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी आरआर स्वैन, डीजीपी दिलबाग सिंह का स्थान लेंगे, जो 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. स्वैन ने आतंकवाद समर्थकों, उनके ओवर-ग्राउंड कार्यकर्ताओं के साथ ही उनके फंडिंग के चैनल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करके आतंकी तंत्र को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते शुक्रवार (27 अक्टूबर) को एजीएमयूटी कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी आरआर (रश्मि रंजन) स्वैन को जम्मू-कश्मीर पुलिस का 17वां महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया. 1 नवंबर से वह डीजीपी के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय में निदेशक (एस) बीजी कृष्णन द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि ‘स्वैन वर्तमान में जम्मू कश्मीर में सीआईडी के विशेष महानिदेशक के रूप में तैनात हैं, अगले आदेश तक अपने मौजूदा प्रभार के अलावा प्रभारी पुलिस महानिदेशक के रूप में भी कार्य करेंगे.’
RR Swain is new DGP of J&K. pic.twitter.com/qNcC4iIs22
— DAILY JAMMU JOTTINGS OFFICIAL (@JammuJottings01) October 27, 2023
स्वैन डीजीपी दिलबाग सिंह का स्थान लेंगे, जो 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
जून 2020 में उन्होंने खुफिया प्रमुख का पदभार संभाला था. स्वैन ने आतंकवाद समर्थकों, उनके ओवर-ग्राउंड कार्यकर्ताओं के साथ ही उनके फंडिंग के चैनल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करके आतंकी तंत्र को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
जम्मू कश्मीर पुलिस की खुफिया शाखा के प्रमुख के रूप में वह राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) के पहले पदेन निदेशक बने, जिसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए नवंबर 2021 में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा गठित किया गया था. आतंक से संबंधित मामलों की त्वरित और प्रभावी जांच तथा अभियोजन के लिए इसका गठन किया गया था. कई लोग मानते हैं कि एसआईए स्वैन के दिमाग की उपज थी.
जो लोग उन्हें जानते हैं उनका कहना है कि उन्होंने आतंकवादियों को पनाह देने वालों और उन्हें रसद मुहैया कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने और पथराव की घटनाओं को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे शैक्षणिक संस्थानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में सामान्य कामकाज बहाल हुआ.
उनके नेतृत्व में एसआईए ने न केवल जम्मू कश्मीर से बल्कि अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से नार्को आतंक सहित आतंकवाद के कई मामलों की जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया.
इस साल मई में एजेंसी ने 33 साल पहले श्रीनगर में मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मोहम्मद फारूक की हत्या में शामिल दो आरोपियों को पकड़ा था.
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्होंने विदेश में पोस्टिंग सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया.
स्वैन ने 2001-03 और 2003-04 में चरम आतंकवाद के दौरान श्रीनगर और जम्मू दोनों में जिलों के पुलिस प्रमुख के रूप में भी काम किया है.
उन्होंने 2004 से 2006 तक केंद्रशासित प्रदेश की सर्वोच्च भ्रष्टाचार विरोधी संस्था जम्मू-कश्मीर सतर्कता संगठन (अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) में सहायक पुलिस महानिरीक्षक एआईजी और पुलिस उप-महानिरीक्षक डीआईजी के रूप में भी कार्य किया.