अस्पताल में बेड न मिलने से पूर्व भाजपा सांसद के बेटे की मौत पर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर

लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बांदा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के 40 वर्षीय बेटे प्रकाश मिश्रा का 28 अक्टूबर को निधन हो गया. आरोप है कि ड्यूटी अधिकारी ने कोई आपातकालीन बिस्तर उपलब्ध नहीं होने का हवाला देते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया था. सोमवार को लखनऊ प्रशासन ने कथित तौर पर घटना की 'उच्च स्तरीय जांच' शुरू की है.

पूर्व भाजपा सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा. (फोटो साभार: फेसबुक/Bhairon Prasad Mishra)

उत्तर प्रदेश में लखनऊ स्थित पीजीआई में कथित तौर बेड न मिलने के बाद बांदा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के 40 वर्षीय बेटे प्रकाश मिश्रा का बीते 28 अक्टूबर को निधन हो गया था. वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे. भैरों प्रसाद 2014 से 2019 के बीच बांदा से सांसद थे.

पूर्व भाजपा सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा. (फोटो साभार: फेसबुक/Bhairon Prasad Mishra)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद के बेटे की मौत के कुछ दिनों बाद राज्य सरकार ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए.

इस बीच विपक्ष के नेता उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर नजर आए. उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के पूर्व सांसद के बेटे को भी इलाज नहीं मिल रहा है तो आम जनता के बारे में क्या कहा जाए.

बांदा से भाजपा के पूर्व लोकसभा सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के बेटे प्रकाश मिश्रा की शनिवार (28 अक्टूबर) को कथित तौर पर एसजीपीजीआई के आपातकालीन वार्ड में बिस्तर नहीं मिलने के कारण मौत हो गई थी.

यह घटना सामने आने के बाद सरकार ने इमरजेंसी वार्ड के प्रभारी डॉक्टर को कार्यमुक्त कर दिया है और संस्थान के निदेशक को चेतावनी भी जारी की है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भैरों प्रसाद मिश्रा के 40 वर्षीय बेटे प्रकाश शनिवार रात 11 बजे अस्पताल पहुंचे और एक घंटे बाद उनका निधन हो गया. वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे.

बेटे के निधन के बाद भैरों प्रसाद मिश्रा शनिवार रात अस्पताल में धरने पर बैठ गए. उनके बेटे को उनकी गंभीर हालत के बावजूद भर्ती नहीं किया गया, क्योंकि ड्यूटी अधिकारी ने कहा था कि कोई आपातकालीन बिस्तर उपलब्ध नहीं है.

कथित तौर पर भैरों प्रसाद ने सुबह 4 बजे ही अपना धरना समाप्त कर दिया, जब पीजीआई निदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारी आए और उनसे मुलाकात की.

वह 2014 से 2019 के बीच बांदा से सांसद थे. 2019 में जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भाजपा दफ्तर के बाहर धरना दिया था.

उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक – जिनके पास स्वास्थ्य विभाग भी है – ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, ‘पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के बेटे की पीजीआई, लखनऊ में दुखद मृत्यु के संबंध में यूपी सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. प्रथमदृष्टया जांच में दोषी पाए गए संबंधित डॉक्टर को संस्थान से कार्यमुक्त किया जा रहा है. पीजीआई के निदेशक को भी चेतावनी जारी की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.’

सरकार की जांच से पहले पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने रविवार (29 अक्टूबर) को घटना की जांच के आदेश दिए थे. धीमान ने कथित तौर पर प्रकाश को भर्ती नहीं करने के लिए ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को फटकार भी लगाई थी.

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस मामले पर भाजपा के नेतृत्व वाली यूपी सरकार पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, ‘जब उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के पूर्व सांसद के बेटे को भी इलाज नहीं मिल रहा है तो आम जनता के बारे में क्या कहा जाए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘उम्मीद है कि दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार से लौटने के बाद उत्तर प्रदेश के भाजपा मंत्री इस पर संज्ञान लेंगे, क्योंकि अभी उनके लिए चुनाव किसी की भी जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है.’

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने एक ट्वीट में लिखा, ‘एक ओर पीजीआई में पूर्व भाजपा सांसद का बेटा इलाज के बगैर तड़पते हुए दम तोड़ रहा था. दूसरी ओर भाजपा के बड़े-बड़े नेता प्रदेश महामंत्री संगठन से लेकर विधायक और मंत्री तक लखनऊ के ही किसी बूथ पर जाकर मन की बात सुन रहे थे.’

आगे कहा गया, ‘नीचों की जमात में इतनी भी मानवता नहीं बची कि अपने एक साथी की मन की बात जानने, उसका दुख बांटने, उसके आंसू पोछने चले जाएं. बल्कि इन्हें तो मालिक के बकैती कार्यक्रम की चिंता है. ऐसे निर्दयी कहां मिलेंगे? जो अपने साथी के बेटे की मौत पर भी नहीं जाते और ऐसे निकम्मों से जनता के दुख-दर्द में खड़े होने की उम्मीद कहां तक की जा सकती है?’

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने लिखा, ‘एक तरफ पूर्व भाजपा सांसद का बेटा पीजीआई, लखनऊ में इलाज के अभाव में तड़प-तड़प के मर गया, दूसरी ओर भाजपाई ‘बयानवीर’ जी के मन की बात सुनने में मस्त थे.’

कांग्रेस नेता ललन कुमार ने एक्स पर लिखा, ‘चश्मे का नंबर बढ़ा लीजिए स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक जी, शायद स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल तस्वीरें नजर आ जाए. लखनऊ के एसजीपीजीआई में किडनी की बीमारी से जूझ रहे बांदा के पूर्व भाजपा सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे प्रकाश की बेड न मिलने के कारण स्ट्रेचर पर तड़प तड़पकर कर मौत हो गई. बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, बेशर्म योगी सरकार.’

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