द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद के ख़िलाफ़ दर्ज धन के कथित दुरुपयोग के मामले में उन्हें मिली ज़मानत को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है और 2015 में दी गई अग्रिम जमानत में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. हालांकि, शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा है कि वे मामले की जांच में गुजरात पुलिस के साथ सहयोग करें. सीतलवाड़ की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली गुजरात सरकार की याचिका का निपटान करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में अब तक आरोपपत्र दायर नहीं किया गया है, एएसजी (अतिरिक्त महाधिवक्ता) ने सहयोग न मिलने की बात कही है, उत्तरदाता आवश्यकता पड़ने पर जांच में सहयोग करेंगे.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में बिगड़ती वायु गुणवत्ता का स्वत: संज्ञान लिया है. वहीं, दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध करते हुए हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. इस बीच, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा है कि दिल्ली और मुंबई में खेले जाने वाले विश्वकप मैचों के दौरान आतिशबाजी नहीं चलाई जाएगी. मंगलवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच मुकाबला है, वहीं अगले सोमवार को दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच मैच खेला जाएगा.
दिल्ली दंगों की साजिश संबंधी मामले में शरजील इमाम, खालिद सैफी और अन्य व्यक्तियों की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट अगले साल नए सिरे से सुनवाई करेगा. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने तीन मामलों में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है- जिनमें इमाम, सैफी, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद, अतहर खान, शिफा उर रहमान और सलीम खान की जमानत याचिकाएं; और आरोपी इशरत जहां को दी गई जमानत रद्द करने की दिल्ली पुलिस की अपील शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद की गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका के साथ-साथ दिल्ली दंगों की ‘साजिश’ मामले में उनकी लंबित जमानत याचिका पर 22 नवंबर को सुनवाई करने का फैसला किया है. खालिद सितंबर 2020 से तीन सालों से जेल में हैं. वह यूएपीए के तहत आरोपी बनाए गए हैं और मामले में ट्रायल शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले चंदे के विवरण की जांच करेगा. चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों की गुमनाम फंडिंग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग के पास चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दिए गए दान का विवरण होना चाहिए. इसे अदालत में अपने पास रखें. हम उचित समय पर इस पर गौर कर सकते हैं.
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की नई मांस दुकान लाइसेंस नीति में कहा गया है कि किसी धार्मिक स्थल (मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा) या श्मशान घाट से मीट की दुकान के बीच न्यूनतम दूरी 150 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए. नगरीय निकाय की ओर से कहा गया है कि अगर लाइसेंस मिलने के बाद धार्मिक स्थल अस्तित्व में आता है तो वह धार्मिक स्थल से दुकान के बीच की दूरी पर ध्यान नहीं देगा. इस नीति का मांस व्यापारियों के संगठन ने कड़ा विरोध किया है और इसे वापस नहीं लेने पर अदालत जाने की धमकी दी है.
चुनावी मुहाने पर खड़े पांच राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति पर न्यूजलॉन्ड्री की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले पांच सालों में छत्तीसगढ़ में प्रेस की स्वतंत्रता में कटौती के 122 मामले दर्ज किए गए, जबकि मध्य प्रदेश में 64, तेलंगाना में 55 और राजस्थान में 17 ऐसे मामले सामने आए जहां पत्रकारों को उनका काम करने के लिए निशाना बनाया गया. मिजोरम, जो अन्य चार राज्यों की तुलना में एक छोटा राज्य है, में नौ मामले दर्ज किए गए.
भारत में 2021 में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ 8,802 अपराध की घटनाएं दर्ज की गईं. इनमें से 30 फीसदी घटनाएं अकेले मध्य प्रदेश में हुईं, जिनकी संख्या 2,627 है यानी 7 घटनाएं प्रतिदिन. पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया (परी) की रिपोर्ट बताती है कि राज्य में चुनाव समीप आते ही आदिवासियों के साथ अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है.