रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि रक्षा मंत्री ने उस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है, जो महिला सैनिकों, नाविकों (सेलर) और वायु सैनिकों को महिला अधिकारियों के समान मातृत्व और शिशु देखभाल अवकाश का अधिकार देगा.
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सेना – तीनों सेनाओं में महिला अधिकारियों के समान मातृत्व, शिशु देखभाल और बच्चे को गोद लेने के अवकाश का अधिकार देगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कहा गया है, ‘नियम जारी होने के साथ सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टियां देना समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की.’
यह ऐसे समय में आया है जब सशस्त्र बलों ने अग्निपथ भर्ती मॉडल के तहत पहली बार अधिकारी रैंक कैडर से नीचे के कर्मियों (पीबीओआर) में महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोले हैं.
बयान में कहा गया है कि यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं, चाहे उनकी रैंक कुछ भी हो, की समावेशी भागीदारी के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
इसमें कहा गया है, ‘छुट्टी नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों से संबंधित महिला-विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों से निपटने में काफी मदद मिलेगी. इस उपाय से सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पेशेवर और पारिवारिक जीवन के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी.’
जहां नौसेना ने अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं की भर्ती शुरू कर दी है, वहीं वायु सेना और थल सेना भी ऐसा करने के लिए तैयार हैं.
‘अग्निपथ योजना’ सेना की दशकों पुरानी भर्ती प्रणाली से बिल्कुल अलग है, जो पिछले साल सरकार द्वारा नई योजना की घोषणा के बाद समाप्त हो गई थी. इसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने का प्रावधान है. योजना के तहत भर्ती किए गए लोगों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.
बयान में कहा गया है कि महिला अग्निवीरों की भर्ती से सशस्त्र बल देश की भूमि, समुद्र और हवाई सीमाओं की रक्षा के लिए महिला सैनिकों, नाविकों (सेलर) और वायु सैनिकों की बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति से सशक्त होंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने 2019 में केवल एक शाखा- सैन्य पुलिस कोर (सीएमपी) में महिलाओं को शामिल करना शुरू किया था. अब महिलाओं को अग्निवीरों के रूप में सीएमपी में शामिल किया जा रहा है.
नए प्रस्ताव का लाभ केवल उन्हीं महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सैनिकों को मिलेगा जो चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद योग्यता के आधार पर चयनित होने के बाद तीनों सेनाओं में शामिल किए गए 25% अग्निवीरों में शामिल हैं.
ऐसा इसलिए है क्योंकि अग्निपथ योजना के नियम और शर्तें कहती हैं कि वे तब तक शादी नहीं कर सकते जब तक वे योजना के तहत चार साल की अवधि पूरी नहीं कर लेते.
तीनों सेनाओं में महिला अधिकारी वर्तमान में 180 दिनों के मातृत्व अवकाश के लिए पात्र हैं, जिसमें असाधारण मामलों में बिना वेतन के एक महीने की छुट्टी और गर्भपात की स्थिति में 30 दिनों की छुट्टी का प्रावधान है.
यदि महिला अधिकारी एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को गोद लेती हैं तो वे 180 दिनों की छुट्टी के लिए पात्र होती हैं.
स्थायी कमीशन की महिला अधिकारी भी 360 दिनों की बाल देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) के लिए पात्र हैं, जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारी 180 दिनों की छुट्टी के लिए पात्र हैं.