यह मामला 40 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. इस संबंध में आम आदमी पार्टी विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा और तारा कॉरपोरेशन लिमिटेड सहित अन्य के ख़िलाफ़ पंजाब के लुधियाना स्थित बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते सोमवार (6 नवंबर) को पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा को 40 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया. इसके कुछ घंटे पहले जांच एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें एक सार्वजनिक बैठक से उठाया था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आप विधायक को जांच एजेंसी ने कम से कम तीन बार तलब किया था, लेकिन वह उसके समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे.
फिलहाल इस घटना को लेकर आप ने पार्टी को ‘बदनाम करने की साजिश’ के लिए भाजपा पर हमला बोला.
पार्टी प्रवक्ता मलविंदर कंग ने कहा, ‘आप में शामिल होने से पहले उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा था. यह हमें बदनाम करने की भाजपा की साजिश है. जिस तरह से एक सार्वजनिक बैठक के दौरान ईडी ने उन्हें उठाया, वह आप को बदनाम करने और मजबूर करने की भाजपा की रणनीति को दर्शाता है.’
पिछले साल सितंबर में कथित तौर पर 40 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आप नेता जसवंत सिंह के आवास सहित उनसे जुड़े तीन परिसरों की तलाशी ली थी.
एजेंसी ने दावा किया था कि तलाशी में 16.57 लाख रुपये नकद, विदेशी मुद्रा (अनिर्दिष्ट राशि की) और आपत्तिजनक बैंक और संपत्ति के दस्तावेज मिले.
सीबीआई के अनुसार, जसवंत सिंह और तारा कॉरपोरेशन लिमिटेड सहित अन्य के खिलाफ मामला पंजाब के लुधियाना में बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. मामले में कई व्यक्तियों, वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ-साथ ‘अज्ञात लोक सेवकों’ को भी नामजद किया गया है.
जसवंत सिंह के खिलाफ ईडी की कार्रवाई आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच हुई है.
ईडी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के महादेव सट्टेबाजी ऐप के मालिक से 508 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के दावे की भी जांच कर रही है. बघेल ने ईडी को ‘हथियार’ देने के लिए भाजपा की आलोचना की है.
इस बीच, केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले के संबंध में 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह पूछताछ के लिए नहीं गए, बल्कि चुनाव वाले राज्य मध्य प्रदेश में प्रचार करने का विकल्प चुना.
कुछ दिन पहले ईडी ने ड्रग्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत एक अन्य आप विधायक – कुलवंत सिंह से जुड़े स्थानों की भी तलाशी ली थी.