जम्मू-कश्मीर: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री लाल सिंह को गिरफ़्तार किया

भाजपा में रहे डोगरा स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष और पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह ने 2019 में केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 निरस्त करने के फैसले के बाद पार्टी छोड़ दी थी. अब ईडी ने उनकी पत्नी द्वारा संचालित एक एनजीओ द्वारा भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं से संबंधित मामले में उन्हें गिरफ़्तार किया है.

पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक/@thechlalsingh)

भाजपा में रहे डोगरा स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष और पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह ने 2019 में केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 निरस्त करने के फैसले के बाद पार्टी छोड़ दी थी. अब ईडी ने उनकी पत्नी द्वारा संचालित एक एनजीओ द्वारा भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं से संबंधित मामले में उन्हें गिरफ़्तार किया है.

पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक/@thechlalsingh)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 नवंबर की शाम को डोगरा स्वाभिमान संगठन (डीएसएस) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह को उनकी पत्नी द्वारा संचालित एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में जम्मू में गिरफ्तार किया.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार, भ्रष्टाचार निरोधक अदालत द्वारा सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के कुछ घंटों बाद उनकी गिरफ्तारी हुई, जिनसे ईडी ने शनिवार और सोमवार को पूछताछ की थी.

लाल सिंह से जम्मू और कश्मीर कृषि सुधार अधिनियम, 1976 की धारा 14 के तहत लगाई गई 100 मानक कनाल की अधिकतम सीमा के उल्लंघन से संबंधित मामले में पूछताछ की जा रही थी और उन पर उसकी पत्नी द्वारा चलाए जा रहे ‘आरबी एजुकेशनल ट्रस्ट को अनुचित आर्थिक लाभ’ देने का आरोप लगाया गया है.

2020 में सीबीआई ने कठुआ स्थित ट्रस्ट के खिलाफ इसके अध्यक्ष और अन्य लोगों के आरोपों की जांच करने के लिए एक मामला दर्ज किया था, जिसमें सीमा से अधिक भूमि रखने की सुविधा देने और ट्रस्ट के समर्थन में झूठे हलफनामे देने के आरोप हैं, जिसके चलते राज्य के कोष को नुकसान हुआ.

सिंह की पत्नी कांता अंडोत्रा और बेटी क्रांति सिंह को पहले इस मामले में अदालत ने 30 नवंबर तक अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी.

लाल सिंह 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)-भाजपा गठबंधन की सरकार के दौरान उन्होंने मंत्री के रूप में भी काम किया था.

साल 2019 में केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बाद सिंह ने भाजपा छोड़ दी.

हाल ही में सिंह ने सार्वजनिक पहुंच बनाने की कवायद शुरू की थी, जहां उनकी मांगों के लिए समर्थन जुटाना शुरू किया था. इन मांगों में जम्मू के लिए अलग राज्य का दर्जा और अनुच्छेद 371 के तहत विशेष दर्जा भी शामिल है.

सिंह, विशेषकर 2019 के बाद, जम्मू में सरकार की नीतियों के लिए भाजपा का विरोध करने वाली एक आवाज़ बन गए हैं. पिछले साल वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी नज़र आए थे.