उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने कुछ दिन पहले आतंकी संगठन आईएसआईएस से कथित तौर पर जुड़े तीन लोगों को गिरफ़्तार करने के बाद यह गिरफ्तारी की है. एटीएस ने बताया कि गिरफ़्तार आरोपियों के पास से प्रतिबंधित आईएसआईएस साहित्य, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव ज़ब्त किए गए हैं.
नई दिल्ली: आतंकी संगठन आईएसआईएस से कथित तौर पर जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार करने के कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने बीते शनिवार (11 नवंबर) को चार और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के दो पूर्व और एक वर्तमान छात्र भी शामिल हैं.
एटीएस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवांत इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के साथ कथित संबंधों के लिए इन चार लोगों की गिरफ्तारी की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बयान में कहा गया है कि शुक्रवार (10 नवंबर) को अलीगढ़ से 29 वर्षीय रकीब इमाम अंसारी को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने एएमयू से बीटेक और एमटेक स्नातक किया है. इसके अलावा एटीएस ने शनिवार को संभल से नावेद सिद्दीकी (23 वर्ष), जो एएमयू से बीएससी कर रहे थे, मोहम्मद नोमान (27 वर्ष), विश्वविद्यालय से बीए (ऑनर्स) और 23 वर्षीय मोहम्मद नाजिम, जो एक स्नातक हैं, को गिरफ्तार किया है.
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने कहा, ‘यूपी एटीएस ने अब तक मॉड्यूल के सात लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले की आगे की जांच जारी है.’
एटीएस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से प्रतिबंधित आईएसआईएस साहित्य, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव जब्त किए गए हैं.
वहीं एएमयू अधिकारियों ने कहा कि न तो यूपी पुलिस और न ही एटीएस ने अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान की पुष्टि की है.
एटीएस के बयान में कहा गया है कि नई गिरफ्तारियां पहले गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर की गईं. एटीएस ने कहा कि मोहम्मद नाजिम, नोमान और अन्य के माध्यम से मॉड्यूल के संपर्क में आया था.
बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए लोग आईएसआईएस से जुड़े हैं और राज्य के अंदर और बाहर हमले की योजना बना रहे थे.
एक एटीएस अधिकारी ने कहा, ‘वे कथित तौर पर लोगों को आईएसआईएस में शामिल होने के लिए मनाने के लिए आईएसआईएस के बारे में साहित्य वितरित कर रहे थे. आरोपी लोगों को जिहाद के लिए तैयार करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल कर रहे थे और गुप्त स्थानों पर बैठकें कर रहे थे.’
उन्होंने कहा, ‘आरोपी एसएएमयू (स्टूडेंट ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) की बैठकों के दौरान एक-दूसरे के संपर्क में आए.’