हरियाणा: यमुनानगर ज़िले की शराब त्रासदी में चार दिनों में कम से कम 18 लोगों की मौत

हरियाणा की यमुनानगर पुलिस ने बताया कि मृतकों में अधिकतर मज़दूर थे. मामले की जांच के लिए यमुनानगर पुलिस एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है. इस संबंध में ज़िले में दो अवैध विक्रेताओं सहित कुल 10 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और अंबाला में चार लोगों को पकड़ा गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

हरियाणा की यमुनानगर पुलिस ने बताया कि मृतकों में अधिकतर मज़दूर थे. मामले की जांच के लिए यमुनानगर पुलिस एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है. इस संबंध में ज़िले में दो अवैध विक्रेताओं सहित कुल 10 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और अंबाला में चार लोगों को पकड़ा गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: pixabay)

नई दिल्ली: अधिकारियों ने शनिवार (11 नवंबर) को कहा कि पिछले 24 घंटों में हरियाणा के विभिन्न जिलों में चार और लोगों की मौत हो गई, जिससे चार दिनों में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या 18 हो गई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इन चार मृतकों की पहचान सारन गांव के परमजीत (48 वर्ष), मंगलौरा गांव के ऋषि पाल (45 वर्ष) और मंडेबरी गांव के अरुण कुमार (30 वर्ष) के रूप में की गई है, ये सभी यमुनानगर जिले के रहने वाले हैं. चौथे पीड़ित की पहचान तत्काल नहीं हो सकी. यमुनानगर जिले के पंजेटो का माजरा और फूसगढ़ सहित पांच गांवों में पिछले चार दिनों में कम से कम 18 मौतें हुई हैं.

मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने वाली यमुनानगर पुलिस ने कहा कि उसने शनिवार को तीन स्थानीय लोगों – शराब ठेकेदार महेंद्र, सुभाष और राधे – को गिरफ्तार किया. मामले के सिलसिले में जिले में दो अवैध विक्रेताओं सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अंबाला में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

यमुनानगर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) हिमाद्री कौशिक ने कहा, ‘यहां 16 लोगों की मौत हो गई है. हमने पहले कुछ प्रमुख आरोपियों सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कई अन्य लोगों की संलिप्तता का खुलासा किया है. हम त्रासदी को देखते हुए ग्रामीणों को उसी ब्रांड की शराब का सेवन न करने की चेतावनी जारी कर रहे हैं.’

पुलिस ने ओएसिस ओवरसीज डिस्टिलरी द्वारा निर्मित बैच दिनांक 16 नवंबर, 2021 से स्थानीय रूप से निर्मित माल्टा शराब की खपत के खिलाफ बुधवार (8 नवंबर) को चेतावनी जारी करना शुरू कर दिया था.

पुलिस ने बताया कि मृतकों में अधिकतर मजदूर थे.

एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के अनुसार, अंबाला जिला पुलिस ने बताया कि शराब आपूर्ति के स्रोत धनौरा गांव में एक अस्थायी स्थल है, जो मुलाना पुलिस स्टेशन के दायरे में आता है. पुलिस ने बुधवार रात को मौके पर छापा मारा और 14 खाली ड्रम और अवैध शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जब्त की.

हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री और यमुनानगर जिले के जगाधरी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक कंवर पाल ने कहा कि वह पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘यमुनानगर के इतिहास में यह सबसे बड़ी त्रासदी है. पुलिस विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. हमने सुनिश्चित किया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और अस्पताल में भर्ती लोगों को उचित इलाज दिया जाएगा. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 10 टीमें गठित की गई हैं. क्षेत्र की सभी शराब की दुकानों पर स्टॉक की भी जांच की जा रही है.’

कार्रवाई की मांग करते हुए विपक्षी दलों ने मौतों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य सरकार अतीत में ऐसी कई घटनाओं से कोई सबक सीखने में विफल रही है.

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी-जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) सरकार के संरक्षण में राज्य में नशे का काला कारोबार फैल रहा है और मौतें सरकार की विफलता का परिणाम हैं.’

इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) नेता अभय चौटाला ने कहा कि अगर पिछली घटनाओं में कार्रवाई की गई होती तो इन मौतों को टाला जा सकता था.