बिहार: अवैध बालू ले जा रहे ट्रैक्टर ने पुलिसकर्मी को कुचला, मंत्री बोले- अन्य राज्यों में भी होता है

मामला जमुई ज़िले के गढ़ी थानाक्षेत्र का है, जहां अवैध रूप से खनन की गई रेत की ढुलाई कर रहे एक ट्रैक्टर ने एक सब-इंस्पेक्टर को कुचल दिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. घटना में एक होम गार्ड भी घायल हुए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: facebook)

मामला जमुई ज़िले के गढ़ी थानाक्षेत्र का है, जहां अवैध रूप से खनन की गई रेत की ढुलाई कर रहे एक ट्रैक्टर ने एक सब-इंस्पेक्टर को कुचल दिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. घटना में एक होम गार्ड भी घायल हुए हैं.

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नई दिल्ली: जमुई जिले में अवैध रूप से खनन किए गए रेत की ढुलाई कर रहे एक ट्रैक्टर ने मंगलवार को बिहार के एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को कुचल दिया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल ले जाने पर एसआई प्रभात रंजन (28) को मृत घोषित कर दिया गया. गढ़ी थाना क्षेत्र में एक होम गार्ड जवान राजेश कुमार साव भी ट्रैक्टर की चपेट में आ गए और उनका इलाज चल रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वैशाली जिले के भगवान खजूरी गांव के रहने वाले 2018 बैच के सब-इंस्पेक्टर रंजन को सात महीने पहले गढ़ी पुलिस स्टेशन में तैनात किया गया था और उन्हें अतिरिक्त थाना प्रभारी बनाया गया था. उनकी एक चार साल की बेटी और एक नवजात बेटा है.

यह घटना झारखंड के गिरिडीह के साथ जमुई सीमा पर गढ़ी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में सुबह 7.30 बजे के आसपास हुई.

जमुई के एसपी शौर्य सुमन ने कहा कि पुलिस को गढ़ी थाने से लगभग 5 किमी दूर चंदवारा इलाके में अवैध रेत खनन के बारे में सूचना मिली थी, जहां रंजन सहायक एसएचओ थे. रंजन और साव ऐसी गतिविधियों की जांच कर रहे थे जब उन्होंने ट्रैक्टर को देखा.

एसपी ने बताया, ‘उन्होंने ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की. हालांकि, चालक कृष्णा रविदास ने उन पर वाहन चढ़ा दिया और भाग गया. ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है और चालक के साथ आए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है.’

एसआई और होम गार्ड जवान को जमुई सदर अस्पताल ले जाया गया. सुमन ने कहा, ‘डॉक्टरों ने एसआई को मृत घोषित कर दिया. साव को बेहतर इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया है.’

एसपी के मुताबिक, गिरफ्तार व्यक्ति मिथिलेश ठाकुर पड़ोसी जिले नवादा का रहने वाला है. सुमन ने कहा, ‘चालक, जो नवादा का ही रहने वाला है, और ट्रैक्टर का मालिक फरार हैं. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है.’

पिछले कुछ महीनों में बिहार में रेत माफिया द्वारा ऐसे कई जानलेवा हमलों की सूचना मिली है, जिनमें से ज्यादातर पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, सारण और वैशाली जिलों से हैं.

इस साल अप्रैल में खान और भूविज्ञान विभाग की दो महिला निरीक्षकों सहित तीन अधिकारियों को पटना के पास बिहटा में उनके खिलाफ अभियान के दौरान माफिया द्वारा निशाना बनाया गया था. एक अधिकारी ने बताया है कि इसके तुरंत बाद विभाग ने ऐसे हमलों से निपटने के लिए लगभग 30 महिला अधिकारियों सहित अपने 90 निरीक्षकों को प्रशिक्षित करने का फैसला किया था.

मंत्री बोले- ऐसे मामले दूसरे राज्यों में भी होते हैं

रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रेत माफिया द्वारा सब-इंस्पेक्टर प्रभात रंजन की हत्या पर मंगलवार को यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि ‘ऐसी घटनाएं अन्य राज्यों में भी होती रहती हैं.’

राजद नेता ने सीतामढ़ी में कहा, ‘यह अपराध है. ऐसे अपराधी हैं जो समय-समय पर ऐसे अपराध करते रहते हैं. राज्य सरकार अपराध के खिलाफ है और ऐसे मामलों में कार्रवाई करती है. ऐसे हमले भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी हुए हैं.’

उधर, प्रदेश के विपक्षी नेताओं ने उन्हें इस बयान पर घेरा है.

एलजेपी (रामविलास) प्रमुख और जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि ‘क्या रेत माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है.’

चिराग ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) के नेतृत्व पर सवाल उठते हैं. क्या ये अपराध उनके संरक्षण में हो रहे हैं?’

भाजपा के शाहनवाज हुसैन ने भी नीतीश के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार पर निशाना साधा और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.